मानसिक अरोग्यशाला में उपचार के साथ विशेषज्ञ होंगे तैयार, साइकेट्री पीजी कोर्स शुरू

मानसिक अरोग्यशाला में उपचार के साथ विशेषज्ञ होंगे तैयार, साइकेट्री पीजी कोर्स शुरू
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ग्वालियर, न.सं.। ग्वालियर-चम्बल सम्भाग के इकलौते मानसिक आरोग्यशाला में मानसिक रोगियों कारने के साथ ही अब विशेषज्ञ भी तैयार होंगे। इसके लिए मानसिक आरोग्यशाला में एमडी साइकेट्री का पीजी कोर्स शुरू हो गया है। पीजी कोर्स शुरू होने से मानसिक आरोग्यशाला में जहां मरीजों को और बेहतर उपचार मिलेगा। वहीं मानसिक बीमारियों पर शोध का काम भी शुरू हो जाएगा।

दरअसल मानसिक आरोग्यशाला में ग्वालियर-चम्बल सम्भाग के अलावा अन्य राज्यों से प्रतिदिन 150 से 200 के बीच मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। इसके अलावा यहां 250 मरीजों को भर्ती करने की सुविधा भी उपलब्ध है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यहां अब पीजी का कोर्स भी शुरू कर दिया गया है। इसमें दो सीट स्टेट व दो सीटें ऑल इंडिया कोटे की शामिल हैं।

इस सत्र में मानसिक आरोग्यशाला में पीजी की चार सीटों पर चिकित्सकों ने प्रवेश भी ले लिया है। इससे अब मानसिक आरोग्यशाला प्रदेश का ऐसा पहला संस्थान बन गया है, जहां एमबीबीएस नहीं सीधे पीजी कोर्स शुरू हुआ है।उधर पीजी का कोर्स शुरू होने से जहां साइकेट्री के चिकित्सकों की कमी दूर होगी। वहीं मरीजों को भी बेहतर उपचार मिल सकेगा। इसके अलावा अस्पताल में शोक्षण माहौल भी तैयार होगा। साथ ही चिकित्सक रिचर्स भी कर सकेंगे, जिससे उचार की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

20 वर्षों से कर रहे थे प्रयास

मानसिक आरोग्यशाला में पीजी कोर्स शुरू करने के लिए पिछले 20 साल से प्रयास किए जा रहे थे। इस काम में तेजी आरोग्यशाला की तत्कालीन संचालक डॉ. ज्योति बिंदल के कार्यकाल में आई, लेकिन कोर्स शुरू नहीं हो पाया था। आरोग्यशाला के संचालक डॉ. संजय लहारिया ने पीजी कोर्स शुरू करने की तैयारी की और एनएमसी की टीम को बुलाकर सफल निरीक्षण कराया। उनकी तत्परता के चलते एनएमसी ने एमडी साइकेट्री कोर्स शुरू करने की अनुमति दे दी।

चिकित्सा महाविद्यालय में भी शुरू होगा पीजी

गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय में मनोरोग विभाग को संचालित है, लेकिन यहां पीजी का कोर्स नहीं है। महाविद्यालय प्रबंधन लम्बे समय से पीजी के लिए प्रयास कर रहा है। लेकिन अब यहां भी सम्भवत: अगले वर्ष से पीजी कोर्स शुरू हो जाएगा। दरअसल महाविद्यालय में साइकेट्रि पीजी कोर्स शुरू करने के लिए पर्याप्त फैकल्टी तो है, लेकिन यहां क्लीनिक स्टाफ की कमी है। इसमें साइकेट्री सोशल वर्कर, क्लीनिकल साइक्लोजी के अलावा कुछ उपकरण सहित इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल है। लेकिन एक हजार बिस्तर के अस्पताल के शुरू होने से इन्फ्रास्ट्रेक्चर की कमी दूर हो गई है। साथ ही क्लीनिक स्टाफ व उपकरणों की कमी भी सम्भवत: इस वर्ष पूरी हो जाएगी।

मनोरोग विभागाध्यक्ष डॉ. अतुल अग्रवाल का कहना है कि विभाग में पीजी की सीटों के लिए सारी व्यवस्थाएं की जा रही है। सम्भवत: अगले दो वर्ष में कोर्स शुरू हो जाएगा।

इके्रट्री का कोर्स शुरू हो गया है और चिकित्सकों ने भी ज्वाइन कर लिया है। उक्त कोर्स के शुरू होने से चिकित्सकों की कमी तो दूर होगी है। साथ ही मरीजों को भी लाभ मिलेगा।

डॉ. संजय लहारिया

संचालक मानसिक अरोग्यशाला

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