ग्वालियर में रिमझिम बारिश से बढ़ी ठंड, 14 डिग्री सेल्सियस पर ठिठका दिन का पारा

ग्वालियर में रिमझिम बारिश से बढ़ी ठंड, 14 डिग्री सेल्सियस पर ठिठका दिन का पारा
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ग्वालियर। जम्मू-कश्मीर में पश्चिमी विक्षोभ और राजस्थान में बने प्रेरित चक्रवात के प्रभाव से गुरुवार को सुबह से शाम तक रुक-रुककर हुई बारिश ने पिछले सात साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। ग्वालियर शहर में बुधवार से शाम से गुरुवार शाम तक कुल 30.9 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई है। इससे पहले 22 जनवरी 2014 को 33.9 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई थी।

ग्वालियर में बुधवार को सुबह बेमौसम बादलों ने दस्तक दी थी। इसके फलस्वरूप शाम से देर रात तक रुक-रुककर हल्की बारिश होती रही और रात 11.30 बजे तक शहर में 3.7 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई। इसके बाद गुरुवार को तड़के करीब चार बजे से शुरू हुई रिमझिम बारिश शाम करीब पांच बजे तक जारी रही। इस दौरान सुबह 10 से 11 और अपरान्ह तीन से चार बजे के बीच तेज बारिश भी हुई। इस दौरान शाम साढ़े पांच बजे तक शहर में 27.2 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई। इस प्रकार पिछले 24 घंटे में कुल 30.9 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई। इसके बाद देर रात तक रुक-रुककर बारिश का सिलसिला चलता रहा। कृषि विज्ञानी इस बारिश को रबी मौसम की सभी फसलों के लिए अमृत वर्षा बता रहे हैं। इस बारिश से फसलों में प्राकृतिक सिंचाई हो जाने से उत्पादन बढ़ेगा जिससे किसानों को फायदा होगा।

स्थानीय मौसम वैज्ञानिक सीके उपाध्याय ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर और दूसरा उत्तरी पाकिस्तान में सक्रिय है जबकि दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान में एक प्रेरित चक्रवात बना हुआ है। इसके प्रभाव से ग्वालियर-चम्बल अंचल सहित उत्तरी मध्यप्रदेश का मौसम बुधवार शाम से ही बिगड़ा हुआ है। हवाएं भी दक्षिण-पूर्वी चलने से ग्वालियर-चम्बल सहित उत्तरी मध्यप्रदेश के अधिकतर जिलों में कहीं हल्की तो कहीं तेज बौछारें पड़ रही हैं।उपाध्याय के अनुसार वर्तमान में उत्तरी पाकिस्तान में सक्रिय तीव्र आवृति वाला पश्चिमी विक्षोभ गुरुवार-शुक्रवार की रात को जम्मू-कश्मीर में पहुंचेगा जिससे शुक्रवार से वर्षा की गतिविधियों में और तेजी आने की संभावना है। इसके प्रभाव से नौ जनवरी तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। इस दौरान कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ेंगी तो कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हो सकती है। इसी क्रम में 11 एवं 12 जनवरी को एक और पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर में आने की संभावना है। इसके प्रभाव से भी 12 जनवरी को भी ग्वालियर-चम्बल अंचल में बारिश हो सकती है।

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