लंबा होता जा रहा है उमस भरी गर्मी के बीच बारिश का इंतजार
ग्वालियर, न.सं.। भीषण उमस और गर्मी के बीच मानसून की बारिश का इंतजार लंबा होता जा रहा है। शुक्रवार से आसमान में घुमड़ रहे बादल कब बरसेंगे? इसका ग्वालियर-चम्बल के लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हालांकि मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया था कि शनिवार से ग्वालियर सहित आसपास के जिलों में राहत की फुहारें पडऩे की संभावना है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। शनिवार को भी अंचल के लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ा।
शुक्रवार के बाद शनिवार को भी सुबह से ग्वालियर के आसमान में बादल छाए रहे। राहत भरी फुहारों की आस में आसमान की ओर ताकते हुए सुबह से शाम हो गई, लेकिन बारिश नहीं हुई। इसके चलते लोगों को भीषण उमस और गर्मी का सामना करना पड़ा। भोपाल के सेवानिवृत्त मौसम विज्ञानी डी.पी. दुबे ने बताया कि वर्तमान में ग्वालियर से सतना होते हुए बंगाल की खाड़ी तक मानूसनी द्रोणिका गुजर रही है।उधर पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी गुजरात में ऊपरी हवाओं के चक्रवात बने हुए हैं। साथ ही बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों ओर से नमी आ रही है। इसी वजह से बादल छाए हुए हैं, लेकिन इन सिस्टमों का असर मध्यप्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी भागों में अधिक है, जबकि ग्वालियर-चम्बल में आंशिक असर है। यहां सपोट के लिए कोई वेदर सिस्टम नहीं है, इसलिए अगले 24 घंटे के दौरान इस अंचल में कहीं-कहीं हल्की बारिश होने की ही संभावना है। उन्होंने बताया कि पांच जुलाई को उड़ीसा के पास एक और सिस्टम बनेगा, जिसके प्रभाव से छह से आठ जुलाई तक ग्वालियर-चम्बल के ज्यादातर इलाकों में कहीं तेज तो कहीं मध्यम गति से बारिश होने के आसार हैं। इससे तापमान और उमस में कमी आएगी।
तापमान 39.5 डिग्री पर
स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार पिछले दिन की तुलना में शनिवार को अधिकतम तापमान 3.7 डिग्री सेल्सियस गिरावट के साथ 39.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से 2.4 डिग्री सेल्सियस अधिक है। न्यूनतम तापमान भी 2.3 डिग्री सेल्सियस गिरावट के साथ 28.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह भी औसत से 1.2 डिग्री सेल्सियस अधिक है। आज हवाएं पूर्वी चलीं, जिनकी गति छह किलो मीटर प्रति घंटा रही। आज सुबह हवा में नमी 68 प्रतिशत दर्ज की गई, जो सामान्य से मात्र 3 प्रतिशत अधिक है, जबकि शाम को वहा में नमी 53 प्रतिशत दर्ज की गई। यह भी सामान्य से मात्र 2 प्रतिशत अधिक है।