जेल में रक्षाबंधन : ढाई साल बाद कैदी भाई की कलाई पर बहनों ने बाँधा रक्षा सूत्र

जेल में रक्षाबंधन : ढाई साल बाद कैदी भाई  की कलाई पर बहनों ने बाँधा रक्षा सूत्र
X
ग्वालियर सेंट्रल जेल में रक्षाबंधन के मौके पर भाईयों से मुलाकात करने पहुंची बहनों ने भाई की सूनी कलाई पर राखी बांधी।

ग्वालियर। ग्वालियर सेंट्रल जेल में रक्षाबंधन के मौके पर भाईयों से मुलाकात करने पहुंची बहनों ने भाई की सूनी कलाई पर राखी बांधी। रक्षाबंधन को लेकर पुलिस और जेल प्रशासन ने सुरक्षा के समुचित इंतजाम किए हैं, वहीं लाइन में इंतजार कर रही महिलाओं को पीने का पानी की व्यवस्था भी कराईं गई।

जेल रोड पर बैरिकेडिंग कर आने जाने वाहनों को रोकने के अलावा पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, आपको बता दें की कोविड 19 के चलते बहनें पिछले ढाई साल से अपने भाइयों को राखी नहीं बांँध सकीं थीं, लेकिन अब दूर दराज के क्षेत्रों से बहनों ने आकर जेल में बंद अपने भाइयों को राखी बांधी।

वहीं रक्षाबंधन के अवसर पर एक अनोखा मामला सामने आया जहां एक मुस्लिम बहन ने अपने मुस्लिम भाई को राखी बांधी आपको बता दें कि मुस्लिम समाज में रक्षाबंधन मनाने का और राखी बांधने का चलन नहीं है बावजूद इसके मुस्लिम बहन ने अपने भाई से मिलने के लिए हिन्दुओं के त्योहार रक्षाबंधन का सहारा लिया है, जेल में बंद कैदियों से मिलने के लिए सुबह से ही जेल‌ के बाहर लंबी-लंबी लाइन लगी रही, जिसकी जेल प्रबंधन ने उचित व्यवस्था की थी जेल के अंदर केवल राखी ले जाने की अनुमति थी और मिठाई जेल की कैंटीन से खरीदने की अनुमति दी गई थी।

कैदियों को बहनों ने बाँधी राखी-

जेल अधीक्षक, सेंट्रल जेल ग्वालियर विदित सरवैया ने बताया रक्षाबंधन पहले भी खुले में मनाया गया है। ग्वालियर केंद्रीय जेल में वर्तमान में 3500 कैदी हैं। लगभग 20 हज़ार महिलाओं ने राखी बाँधी। कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किये गए हैं।

Tags

Next Story