आरपीएफ ने कहा अपने मवेशियों को बांधकर रखे, रेलवे ट्रैक पर दिखे तो मालिक पर होगी जेल

आरपीएफ ने कहा  अपने मवेशियों को बांधकर रखे, रेलवे ट्रैक पर दिखे तो मालिक पर  होगी जेल
X
ट्रैक पर मवेशिओं के कटने से जानवरों की जान तो जाती है साथ ही इंजन भी ख़राब होता है इसलिए आरपीएफ ने कहा पशुओं से ट्रैक बाधित होने पर कार्रवाई होगी |

ग्वालियर,न.सं.। अब मवेशी ट्रेन से कटे तो इसके लिए पशु मालिक जिम्मेदार होंगे। पैसेंजर व ट्रेनों की सुरक्षा के लिए रेलवे ने पशु मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की है। पशु मालिकों पर रेल अधिनियम में प्रकरण दर्ज होगा। रेलवे लाइन पर घूमते मवेशी ट्रेनों की चपेट में आने से कट जाते हैं। ऐसे में बड़े जानवरों के इंजन के सामने आने से उनकी जान तो जाती ही है, साथ ही इससे रेल इंजन को भी नुकसान होता है। इंजन में टूट-फूट या नुकसान होने पर चालक को मजबूरन ट्रेन को रोकना पड़ता है। ऐसे में जब तक मैकेनिकल डिपार्टमेंट की ओर से इंजन की जांच कर फिट नहीं घोषित किया जाता तब तक ट्रेन खड़ी रहती है या इंजन बदला जाता है। अचानक ब्रेक लगाने से कोच पटरी से उतरने का भी खतरा रहता है। रेलवे ट्रैक पर आए दिन होने वाली इन घटनाओं को लेकर अब रेलवे ने पशु मालिकों पर ही कार्रवाई की तैयारी की है। आरपीएफ ने बताया रेलवे ने पालतू पशुओं/मवेशियों के रेलवे लाइन पर आने से संरक्षा, सुरक्षा एवं समयपालनता को खतरा माना है। पशुपालकों से अपील की है कि पालतू पशुओं को रेलवे ट्रैक के आसपास ना लेकर जाएं। यदि कोई घटना होती है तो पशु मालिकों के खिलाफ रेल अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

छह माह से अधिक की जेल-

मवेशियों ने ट्रेन का रास्ता रोका तो मालिक को छह माह से अधिक की जेल होगी। साथ ही 2000 रुपए तक का जुर्माना भी किया जाएगा। झांसी रेल मंडल की रेलवे सुरक्षा बल ने कार्रवाई करना शुरू कर दिया है।

मवेशी रोकते हैं ट्रेन का रास्ता

झांसी-नई दिल्ली रेल मार्ग पर 24 घंटे में 150 से अधिक ट्रेनें गुजरती है। इनके सामने हर वक्त भैंस, गाय व अन्य मवेशी आने की घटनाएं होती हैं। इनमें से ज्यादातर की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो जाती है तो कुछ जख्मी होते हैं।

इन्हें सबसे ज्यादा नुकसान-

यात्रियों को-मवेशी इंजन के नीचे आते हैं तब ट्रेन को रोककर लोको पायलट इंजन की जांच करते हैं। इसके बाद ट्रेन को आगे बढ़ाते हैं। ट्रेन को रोकने व पुन: आगे चलाने में न्यूनतम 10 मिनट का समय बर्बाद होता है। इतनी ही देरी से यात्री अगले स्टेशन पर पहुंचते हैं। इस तरह की घटना से ट्रेनें लेट होती हैं। इंजन के एयर पाइप फट जाते हैं। बड़ा हादसा होने की संभावना बनी रहती है।

ट्रैक इंजीनियर व गैंगमैन देंगे सूचना-

रेलवे ट्रैक पर ट्रैक इंजीनियर व गैंगमैनों की चौबीस घंटे नजर रहती है। रेलवे ने इन्हें भैंस व गाय दिखाई देने पर उनके उनके मालिकों को चिन्हित कर नजदीक के आरपीएफ थाना व चौकी में सूचना देने को कहा है। थाना प्रभारी भी अपने स्तर पर कार्रवाई कर सकते हैं। मालिकों को समझाने के लिए जागरुकता अभियान भी शुरू किया है।

इनका कहना है-

मवेशियों के ट्रैक पर आने से खतरा बढ़ जाता है। मंडल में आए दिन इस तरह की घटनाएं होती हैं। ट्रैक के किनारे रहने वाले लोगों को लगातार समझाइश दी जा रही है। हम लोग पहले से ही कई गांवों में जाकर लोगों समझा रहे है। लेकिन अब अगर पशु रेलवे ट्रैक पर दिखे तो सीधे मालिक पर रेलवे एक्ट के तहत मामला दर्ज करेंगे।

संजय आर्या

आरपीएफ निरीक्षक

Tags

Next Story