मुरार में बंद पड़ी आरटीपीसीआर, जयारोग्य में महाविद्यालय तक लगा रहे दौड़
ग्वालियर, न.सं.। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए जहां शासन ने दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। वहीं गत दिवस अस्पतालों में कोरोना से निपटने की तैयारियों को भी परखा गया था। लेकिन जिले के अधिकारी कोरोना को लेकर कितने गम्भीर हैं, यह अस्पतालों में उपलब्ध जांच सुविधा व सैंपलिंग के काम को देख कर ही लगाया जा सकता है।
दरअसल कोरोना संदिग्ध मरीज की जांच जिला अस्पताल स्तर पर हो सके। इसके लिए मुरार जिला अस्पताल में आरटीपीसीआर जांच मशीन उपलब्ध कराई गई है। जिसका 14 नवम्बर 2022 को पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल द्वारा लोकार्पण भी किया जा चुका है। लेकिन मशीन उपलब्ध होने के बाद भी आज दिन तक मशीन को चालू नहीं किया जा सका। जिसको लेकर अस्पताल के स्टाफ का कहना है कि शासन द्वारा मशीन तो उपलब्ध करा दी है, लेकिन उसे चलाने के लिए कुछ सामान उपलब्ध नहीं कराया है। जिस कारण मशीन चालू नहीं हो पाई है।
इधर जयारोग्य के एक हजार बिस्तर के अस्पताल की बात करें तो यहां भी मरीजों को जांच के लिए परेशान होना पड़ रहा है। क्योंकि मरीजों को चिकित्सक तो एक हजार बिस्तर के अस्पताल में मिल जाते हैं। लेकिन जांच नमूना देने के लिए महाविद्यालय के वायरोलॉजी लैब के पास संचालित कोल्ड ओपीडी में ही जाना पड़ता है। जबकि कोल्ड ओपीडी एक हजार बिस्तर के अस्पताल में भी सिफ्ट करने के लिए विभाग द्वारा लिखा जा चुका है। उसके बाद भी आज दिन तक कोल्ड ओपीडी शिफ्ट नहीं की गई।
महाविद्यालय में भेजे जाते हैं नमूने
मुरार जिला अस्पताल में मशीन उपलब्ध होने के बाद भी जांच सुविधा न होने के कारण मरीजों के नमूने लेकर गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय की वायरोलॉजीकल लैब को ही भेजे जाते हैं। इसके अलावा सिविल अस्पताल से भी नमूने महाविद्यालय में ही भेजे जाते हैं।
नहीं की जा रही कान्टेक्ट ट्रेसिंग
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए संक्रमित मरीजों की कान्टेक्ट ट्रेसिंग की जाती है। जिससे संक्रमित के सम्पर्क में आए लोगों की पहचान की जा सके। लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभी तक कान्टेक्ट ट्रेसिंग का काम भी शुरू नहीं किया है। इसको लेकर अधिकारियों का कहना है कि कान्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। गुरुवार से कान्टेक्ट ट्रेसिंग शुरू हो जाएगी।
दिल्ली से लौटी नर्सिंग छात्रा सहित दो को संक्रमण की पुष्टि
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच बुधवार को फिर से दो संक्रमित सामने आए। इसमें एक 19 वर्षीय नर्सिंग छात्रा व एक 42 वर्षीय व्यक्ति शामिल है। इन संक्रमितों के सामने आने के बाद जिले में अब सक्रिय मरीजों की संख्या 15 पहुंच गई है। नर्सिंग छात्रा बिरला नर्सिंग महाविद्यालय के छात्रावास में रह रही है और दो दिन पूर्व ही दिल्ली से लौटी है। दिल्ली से लौटने पर जब छात्रा का स्वास्थ्य बिगड़ा तो उसने जांच कराई। हालांकि छात्रा को छात्रावास में ही आईसोलेट कर दिया गया है। इसी तरह इंद्रमणि नगर निवासी 42 व्यक्ति को भी पिछले एक सप्ताह से बुखार व सर्दी हो रही थी। उधर जगह दिवस जिस युवती की रेपिड जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई थी, उसकी आरटीपीसीआर में रिपोर्ट निगेटिव आई है।