बंसल, मित्तल, भूपेन्द्र, पारस एवं संदीप को मेला पदाधिकारी बनाया जाए

बंसल, मित्तल, भूपेन्द्र, पारस एवं संदीप को मेला पदाधिकारी बनाया जाए
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मेला व्यापारी संघ ने की मांग

ग्वालियर, न.सं.। कोरोना संक्रमण के कारण ग्वालियर का व्यापार मेला इस बार लगेगा या नहीं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण में खाली पड़ी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं संचालक मंडल की कुर्सियों को भरने की मांग शुरू हो गई है। इसी संबंध में ग्वालियर व्यापार मेला व्यापारी संघ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं राज्य सभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया से मेला प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष अनुराग बंसल, चेम्बर के पूर्व संयुक्त मानसेवी सचिव जगदीश मित्तल, कैट के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन, भाजपा नेता एवं पूर्व मेला संचालक पारस जैन एवं संदीप जैन के हाथों में मेला की कमान सौंपने की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि गत वर्ष मेला की कमान चेम्बर के संयुक्त अध्यक्ष प्रशांत गंगवाल (मेला अध्यक्ष), मानसेवी सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल (मेला उपाध्यक्ष) एवं सुधीर मण्डेलिया, शील खत्री, महबूब चेनवाले, नवीन परांडे आदि के हाथ में थी। श्री सिंधिया द्वारा कांग्रेस से नाता तोडऩे के बाद प्रशांत गंगवाल, डॉ. प्रवीण अग्रवाल एवं नवीन परांडे ने भी मेला पद से त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद से मेला प्राधिकरण पदाधिकारियों की कुर्सियां खाली पड़ी हुई हैं। इस संबंध में मेला व्यापारी संघ ने एक पत्र के माध्यम से मांग करते हुए कहा है कि मेला प्राधिकरण में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं संचालक मण्डल में व्यापारियों के हितैषी, कर्मठ व संवेदनशील व्यापारी प्रतिनिधियों की नियुक्ति की जाए। मेला व्यापारी संघ के अध्यक्ष महेन्द्र भदकारिया, उपाध्यक्ष व प्रवक्ता अनिल पुनियानी, संयोजक उमेश उप्पल एवं सचिव महेश मुद्गल का कहना है कि पिछली सरकार का अनुभव हमारे लिए अत्यंत कटु एवं तनावपूर्ण रहा।

पिछली सरकार ने मेला की कमान प्रशांत गंगवाल एवं डॉ. प्रवीण अग्रवाल के हाथों में सौंप दी थी। जबकि इन पदाधिकारियों ने मेला व्यापारियों की समस्याओं, आवश्यकताओं व आकांक्षाओं को कभी भी संवेदनशीलता व प्राथमिकता से समझने की कोशिश ही नहीं की। इन पदाधिकारियों ने व्यापारियों के साथ संवाद ही खत्म कर दिया था। इन पदाधिकारियों ने ग्वालियर मेला को स्व. माधवराव सिंधिया के सपनों एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुरूप स्वरूप देने का कभी प्रयास ही नहीं किया। सदैव अपनी हठधर्मिता अपनाए रखी। मेला में बिजली, पानी, सफाई व्यवस्था एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बदहाली का आलम रहा। यही कारण रहा कि मेला व्यापारी संघ को कई बार मेला प्राधिकरण के कार्यालय पर धरना तक देना पड़ा और प्रदर्शन किया। मेला व्यापारी संघ ने कहा कि इस बार मेला प्राधिकरण में ऐसे नकारा एवं व्यापारी विरोधी पदाधिकारियों की किसी भी स्थिति में नियुक्ति न की जाए। इस बार अनुराग बंसल, जगदीश मित्तल, भूपेन्द्र जैन, पारस जैन एवं संदीप जैन जैसे कर्मठ एवं हितैषी प्रतिनिधियों की नियुक्ति की जाए। व्यापारी संघ ने कहा कि मेला की तैयारी अभी से कर देनी चाहिए, ताकि कोरोना संकट से ग्वालियर मेला जैसा ऐतिहासिक व पारंपरिक आयोजन प्रभावित न हो।

संकट में है मेला

कोरोना संक्रमण के कारण इस बार ग्रीष्मकालीन मेला का आयोजन नहीं हो पाया। कोरोना संक्रमण की भयावहता धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। शहर के व्यापारी भी मुश्किल से व्यापार कर पा रहे हैं। मेला में भी लाखों लोगों की भीड़ होती है। ऐसे में बाहर के व्यापारियों को बुलाना और मेला का संचालन करना मेला प्राधिकरण के बहुत मुश्किल साबित होगा।

इनका कहना है

'हमें ऐसे पदाधिकारी चाहिए जो व्यापारी हितैषी हों। साथ ही मेला का संचालन सभी को साथ लेकर कर सकें।

-महेन्द्र भदकारिया,अध्यक्ष, ग्वालियर व्यापार मेला व्यापारी संघ

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