मुख्यमंत्री आवास पर हुआ संकीर्तन, कहा - वीर बाल दिवस गुरुओं के बलिदान को याद दिलाता है
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'वीर बाल दिवस' हमें सिख गुरुओं के बलिदान को याद दिलाता है। गुरु गोविंद सिंह के चारों पुत्र धर्म और देश की रक्षा के लिए हंसते-हंसते प्राणों की आहुति दे दी। यह इतिहास युवा पीढ़ी तक पहुंचानी होगी, ताकि वे अपने बलिदानियों की गौरवगाथा के बारे में जानें। उन्होंने कहा कि जब भी भारत पर दुश्मनों की नजर पड़ी, पंजाब दीवार बन कर खड़ा रहा।
मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह दिन सिख गुरुओं के बलिदान को याद करने नमन करने का अवसर है। उन्होंने गुरुगोविंद सिंह के चारों पुत्रों के नाम लेते हुए कहा कि चार-चार पुत्र भारत की और धर्म की रक्षा करते हुए बलिदान दिए। जब गुरुगोविंद से पूछा कि आपके चार पुत्र शहीद हुए। उस समय उनके मुख से यही निकला था कि चार हुए तो क्या हुआ, जीवित हुए हजार। ऐसे कार्यक्रम उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर है। उसी क्रम में मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कार्यक्रम में सिख गुरुओं को नमन करने का अवसर है।
उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि भारत के स्वर्णकालीन इतिहास को पुस्तक में सचित्र उपलब्ध कराने का कार्य शुरू हो गया है। नहीं होगा तो लोग भूल जाएंगे कि बाबा अजित सिंह, बाबा फतेह सिंह, जोरावर सिंह कौन थे। उनकी उम्र क्या था ? मां गुजरी के सानिध्य में जो संस्कार मिले उसी का परिणाम है कि वे अधर्म के सामने नहीं झुके। धर्म और देश के लिए लड़ते-लड़ते अपने प्राणों की आहूति दी। कौन नहीं जानता जब भी भारत पर कोई खतरा आया तब-तब पंजाब दीवार बनकर खड़ा रहा। तवांग की घटना के बारे में मैने जानकारी की तो पता चला कि भारत के जवान चीन के एक-एक जवान को पकड़ बताया कि हमारी क्या ताकत है। लखनऊ और गोरखपुर गुरुद्वारा कमेटी के लोगों को धन्यवाद दूंगा। वे लोग बार-बार वीर बाल दिवस मनाने की आवाज उठाते रहे। मुख्यमंत्री आवास पर इसकी शुरुआत हुई। उसकी गूंज पूरे देश और दुनिया में सुनाई पड़ी। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीर बाल दिवस के अवसर पर दिल्ली में बहुत बड़े आयोजन में शामिल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उप्र सरकार सिख समाज के साथ खड़ी है। किसी भी प्रकार से कोई दिक्कत नहीं होगी।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, योगी सरकार में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, बलदेव सिंह औलख, गिरीश चंद्र यादव, मेयर संयुक्ता भाटिया, एमएलसी मुकेश शर्मा, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार परविंदर सिंह के अलावा सरदार राजेन्द्र सिंह बग्गा, निर्मल सिंह समेत कई विधायक व अन्य लोग मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 2017 में सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री आवास पर पहली बार सिख समाज के इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हुआ।