करोड़ो की जमीन सिंधिया ट्रस्ट के नाम करने का मामला पहुंचा उच्च न्यायालय

करोड़ो की जमीन सिंधिया ट्रस्ट के नाम करने का मामला पहुंचा उच्च न्यायालय
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शासन से लिखित में मांगी आपत्तियां

ग्वालियर,न.सं.। सिटी सेंटर क्षेत्र की करोड़ो रूपए की सरकारी जमीन बिना वैधानिक प्रक्रिया के खुर्द-बुर्द करने के मामले में प्रस्तुत याचिका पर सुनवाई करते हुए मप्र उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव को अगली सुनवाई पर अपनी आपत्तियां प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। याचिका में कहा गया है कि तत्कालीन जिलाधीश ग्वालियर ने यह संपत्ति पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्रस्ट कमलाराजे चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम कर दी।

रिषभ भदौरिया द्वारा प्रस्तुत याचिका पर शासन की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ मामले दर्ज हंै। इसीलिए याचिका को खारिज करने की मांग की गई। इस पर न्यायालय ने कहा कि शासन को अपनी जमीन बचाने के बजाए याचिका को खारिज करने की बात की जा रही है।

इन सर्वे नंबरों की है जमीन

सर्वे क्रमांक 398, 302, 419, 420, 421, 1235, 1201, 1236, 1242, 401, 1242, 402, 403, 406, 415, 416 , 397, 417, 411, 412, 413 की जमीन को खुर्द बुर्द किया गया है। इसे लेकर याचिकाकर्ता ने प्रमुख सचिव राजस्व के समक्ष एक अभ्यावेदन भी प्रस्तुत किया गया। इस पर कार्रवाई नहीं होने पर न्यायालय में यह याचिका प्रस्तुत की गई है।

बिना वैधानिक प्रक्रिया के कर दिया नामांतरण

यह जमीन भी शहर के सबसे पॉश इलाके में है। इसी क्षेत्र में जमीन के सर्वाधिक घोटाले हुए हैं। इनमें से दर्जनों मामले अभी उच्च न्यायालय में लंबित है। इनमें एक और बड़ा जमीन घोटाला है विद्याविहार कॉलोनी का है। ग्राम महलगांव, ओहदपुर, मेहरा, अलापुरा, सिरौल एवं अन्य ग्राम क्षेत्रों में यह जमीन बताई जाती है। इस कीमती जमीन को लेकर राजस्व विभाग के अधिकारियों ने वरिष्ठ राजस्व अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ कर बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया अपनाए तत्कालीन जिलाधीश अनुराग चौधरी ने संपत्ति की रक्षा करने के बजाए इसका नामांतरण कर दिया। याचिका में नामांतरण आदेश को निरस्त कर इस जमीन को फिर से शासकीय घोषित करने के निर्देश देने, इस मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश देने की मांग की गई है।

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