ग्वालियर से गहरा नाता था शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद का, बद्रीनाथ जाने और आने पर रुकते थे

ग्वालियर से गहरा नाता था शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद का, बद्रीनाथ जाने और आने पर रुकते थे
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ग्वालियर,न.सं.। करोड़ों हिंदुओं की श्रद्धा केंद्र रहे जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के निधन की खबर सुनते ही शहर में रहने वाले उनके हजारों शिष्य शोक में डूब गए हैं। जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद का ग्वालियर से गहरा नाता था। वह पिछले 16 साल से प्रतिवर्ष ग्वालियर आते थे। ग्वालियर आने का उनका यह सिलसिला वर्ष 2006 में शुरू हुआ था और तब से अभी यह सिलसिला निरंतर चलता रहा। स्वामी जी बद्रीनाथ जाने के लिए जब निकलते थे, तो ग्वालियर में अवश्य रुकते थे। इसी तरह जब बद्रीनाथ के दर्शन कर वापस आते थे, तब भी ग्वालियर में उनके चरण पड़ते थे। शहर में वह अपने शिष्य शिंदे की छावनी पर रहने वाले सूर्यकांत शर्मा परिवार के यहां रुकते थे। कई ग्रंथों के ज्ञाता स्वामी जी का आशीर्वाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर, राज बब्बर के अलावा अन्य बड़ी हस्तियों ने भी लिया था। शहर में जब भी स्वामी जी आते थे तो शिंदे की छावनी स्थित शर्मा परिवार के यहां उनके शिष्यों का मेला सा लग जाता था ।स्वामी जी अपनी विशेष बस में सवार होकर ग्वालियर आते थे। स्वामी जी के निधन से शहर में उनके शिष्य शोक में डूबे हुए हैं, कई उनके अंतिम दर्शनों के लिए रवाना हो चुके हैं।

राम मंदिर केस के लिए भेजा था लखनऊ

अभिभाषक सूर्यकांत शर्मा ने स्वदेश से चर्चा के दौरान बताया कि राम मंदिर मामले जब लखनऊ में सुनवाई चल रही थी तो शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निर्देश पर 21 दिन लखनऊ में चल रही सुनवाई में शामिल हुए थे। उन्होंने बताया कि वे चमतकारी संत थे, उन्होंने गौवंश की सुरक्षा को लेकर कई अभियान भी चलाए।

2006 में रामबाग कॉलोनी में थी श्रीमद भागवत

ज्योतिर्मठ बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने रामबाग कॉलोनी स्थित पार्क में श्रीमद भागवत कथा की थी। कांग्रेस के जिलाअध्यक्ष डॉ देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि वर्ष 2001 में उन्होंने बनारस में उनसे गुरु दीक्षा ली थी। बाद में वर्ष 2006 में पूरे परिवार ने उनसे दीक्षा ली थी।

जिलाध्यक्ष से कहा था सही दिशा में जा रहे है

कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉ देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि उनकी कृपा से उन्हें कभी कोई परेशानी नहीं हुई। उनके चरण जब उनके घर में पड़ते थे तो वह धन्य हो जाते थे। एक बार शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने श्री शर्मा से कहा था कि वह सही दिशा में जा रहे है। श्री शर्मा बताते है राजनीति में हर व्यक्ति चिंतित रहता है लेकिन वह कभी चिंतित नहीं रहे, क्योंकि गुरुदेव की कृपा उनके ऊपर हमेशा रही।

पिछले दस वर्षों से रतन ज्योति नेत्रालय में पहुंचते थे जांच कराने

स्वामी पिछले एक वर्षाे से साईं बाबा मंदिर रोड़ स्थित रतन ज्योति नेत्रालय में अपनी जांचों का सामान्य परीक्षण कराने पहुंचते थे। आरजेएन के डॉ. पुरेन्द्र भसीन का कहना है कि पिछले दस वर्षों से उनकी आंखों का सामान्य परीक्षण के लिए रतन ज्योति में ही आते थे। उनके देवलोकगमन का समाचार अत्यंत दु:खद हैं उनमें देश और देश के जनमानस को लेकर गहरी समझ थी। उन्होंने बताया कि एक बार स्वामी उनके निजी निवास पर भी रूके थे। वह जब भी स्वामी से मिलते उन्हें वह हमेशा कर्तव्य व धर्म के रास्ते पर चलने का उपदेश दिया करते थे।

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