इस बार श्राद्ध पक्ष में पितरों की कृपा बरसेगी, शुभ योग से कड़वे दिन की मिटेगी अशुभता
ग्वालियर, न.सं.। पितरों का श्राद्ध तर्पण करने का पितृपक्ष तथा कनागत एक सितंबर से शुरू हो रहा है। पूर्णिमा से शुरू होने वाला यह पितृपक्ष सर्वपितृ अमावस्या 17 सितंबर को पूर्ण होगा। खास बात यह है कि इस बार पितृपक्ष में खरीदारी के कई शुभ योग भी बन रहे हैं। पितृ पक्ष में खास बात यह है कि इस दौरान सात सर्वार्थ सिद्धि योग, पांच सिद्धि योग, सात अमृत योग, एक अमृत सिद्धि योग, एक त्रिपुष्कर योग के साथ 13 सितंबर को रवि पुष्य नक्षत्र जो कि सोमवार दोपहर तक रहेगा।
ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी ने बताया कि पुष्य नक्षत्र और अन्य योग होने पितरों की कृपा बरसेगी। इस कारण पितृ पक्ष में ज्वेलरी, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, गृह उपयोगी वस्तुएं खरीदी जा सकती हैं। यह समृद्धि कारक रहेगी। क्योंकि सभी पित्र अपने वंशजों को खुशहाल देखकर प्रसन्न होते हैं। कृषि संबंधी उपयोगी मूल्यवान धातु की खरीदारी शुभ रहेगी। रवि पुष्य नक्षत्र का योग बेहद शुभकारी मंगलकारी होगा।
जनकताल पर होगा पितृ तर्पण
बालाजी धाम काली माता मंदिर की ओर से ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी एवं महंत पंडित किशोर कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में जनकताल स्थित पीपल वृक्ष के सानिध्य में पितृ शांति यज्ञ की तैयारी शुरू हो चुकी है। आगामी 2 सितम्बर से 17 सितम्बर का समय श्राद्ध पक्ष का है। जिसमें 11 सितम्बर नवमीं से 17 सितम्बर अमावस्या तक पितरों के लिए पूर्ण वैदिक विधि पूर्वक पित्र तर्पण के साथ संपूर्ण सात दिनों तक 45 पिंड दान प्रतिदिन तथा पित्र मोक्ष के लिए जातकों के पितरों को श्रीमद् भागवत का परीक्षित बनाकर श्रवण कराया जाएगा।
ऑनलाइन पूजा से करेंगे तर्पण
इस बार कोविड-19 महामारी के कारण कहीं की भी यात्रा सुरक्षा कारणों से सीमित कर दी गई है। श्री सोनी ने बताया कि तर्पण कार्यक्रम में जो जातक पूजा कराने नहीं आ सकते तो उन्हें आने की आवश्यकता नहीं है। ब्राह्मण द्वारा ऑनलाइन करा दी जाएगी।