अभिजित और स्थिर लग्न में आज घर-घर विराजेंगे भगवान श्रीगणेश
ग्वालियर, न.सं.। गणेश जी हिन्दुओं के प्रथम पूज्य देवता हैं। किसी भी शुभ काम को करने से पहले भगवान श्री गणेश का आव्हान कर पूजा की जाती है। गणपति जी विघ्नों को हरने वाले देवता हैं। इस बार गणेश उत्सव की शुरूआत 22 अगस्त शनिवार को होने जा रही है। शनिवार को भगवान श्री गणेश जी अभिजीत मुहूर्त और वृश्चिक लग्न में घर-घर में विराजेंगे। इसको लेकर शहर में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। मंदिर आदि को सजाया जा रहा है तो घरों में स्थापित करने के लिए शहरवासी उत्साहित हैं।
ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी के अनुसार श्री गणेश स्थापना एवं पूजन का शुभ मुहूर्त शनिवार को अभिजित मुहूर्त में सुबह 11.55 से दोपहर 12.46 तक एवं स्थिर वृश्चिक लग्न दोपहर में 12.17 से 2.33 तक है। चर की चौघडिय़ा दोपहर 12 से 1.30 बजे तक और 1.30 से 4.30 तक लाभ अमृत की चौघडिय़ा स्थापना के लिए शुभ हंै। शाम को 6 से 7.30 तक लाभ की चौघडिय़ा गणेश स्थापना के लिए शुभ है। रात्रि में 7.30 से 9 बजे तक लाभ की चौघडिय़ा भी स्थापना के लिए शुभ हैं। इस दौरान गणपति की स्थापना की जा सकती है।
छोटी मूर्तियां ही होंगी स्थापित
प्रशासन के आदेशानुसार कोरोना संक्र्रमण के चलते शहर में इस बार कहीं भी गणपति जी के पंडाल नहीं लगाए जाएंगे और न ही बड़ी मूर्ति आदि की स्थापना की जाएगी। साथ ही किसी भी प्रकार के सामूहिक उत्सव व भण्डारे भी आयोजित नहीं किए जाएंगे। घर-घर में केवल छोटी मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा और घर में ही इनका विसर्जन होगा। प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार गणेश जी की छोटी मूर्तियों की मांग बाजार में अधिक बढ़ गई है। लोग अपनी पसंद के अनुसार मूर्तियां और पूजा का सामान खरीद रहे हैं। यह मूर्तियां थीम रोड व फूलबाग चौराहा आदि स्थानों पर बिक रही हैं। इन मूर्तियों को खरीदने के लिए लोग अधिक संख्या में बाजारों पहुँच रहे हैं। बाजारों में मानव दूरी का भी पालन नहीं हो रहा है।
महाराष्ट्र समाज का गणेश उत्सव निरस्त
महाराष्ट्र समाज द्वारा जयेन्द्रगंज मेंं आयोजित होने वाला गणेशउ त्सव शासन के आदेश पालन में निरस्त कर दिया गया है। मीडिया प्रभारी निशिकांत सुरंगे ने बताया कि 22 अगस्त को सायं 6 बजे बहुत ही सामान्य तरीके से अभय पाटिल द्वारा गणेश जी की स्थापना होगी और पूजा की जाएगी। साथ मानव दूरी व मास्क आदि का उपयोग किया जाएगा।