सिंगल यूज प्लास्टिक पर पाबंदी लगने से प्लास्टिक कचरे में आएगी कमी

सिंगल यूज प्लास्टिक पर पाबंदी लगने से प्लास्टिक कचरे में आएगी कमी
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प्रतिबंध के बावजूद बाजार में दिखी पॉलीथिन, पहले दिन नहीं दिखा असर

ग्वालियर। ग्वालियर सहित पूरे प्रदेश में शुक्रवार से एकल उपयोग प्लास्टिक से बनी हुई 19 चीजों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इससे शहर में रोजाना निकलने वाले आधे से ज्यादा प्लास्टिक कचरे में कमी आने की उम्मीद है।

पूरे शहर से अभी वर्तमान में करीब 500 टन कचरा निकलता है। इसमें से करीब 27 टन कचरा एकल उपयोग प्लास्टिक से बना होता है। एकल उपयोग प्लास्टिक पर पाबंदी लगने से इस कचरे की मात्रा में कमी आएगी। शहर में इस प्रतिबंध को लागू कराने के लिए बाजारों और औद्योगिक क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाया जाएगा। जबकि, लोगों को इसके विकल्पों के बारे में जागरूक करने के लिए नगर निगम की ओर से पांच दिवसीय जागरुक अभियान चलाया जाएगा।

उधर एक जुलाई से एकल उपयोग प्लास्टिक के इस्तेमाल व बिक्री पर बेशक प्रतिबंध लगा दिया हो, लेकिन बाजार दुकानदारों का इससे मोह नहीं छूटने में अभी समय लगेगा। निगम की ओर से 30 जून तक जन जागरूकता अभियान चलाए जाने के बावजूद बाजार में पॉलीथिन का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है। प्लास्टिक के जिन उत्पादों पर प्रतिबंध है, वह सभी उपलब्ध हैं। उधर, निगम की ओर से इस दिशा में निरंतर कड़ी कार्रवाई की बात कही जा रही है।

19 तरह की उत्पाद पर प्रतिबंध

एक जुलाई से पालीथीन समेत 19 तरह के एकल उपयोग प्लास्टिक आइटम जिसमें आइसक्रीम की स्टिक, प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे, मिठाई के डिब्बे पर लगने वाली पन्नी, निमंत्रण पत्र, सिगरेट पैकेट, थर्माकोल का सजावटी सामान, पीवीसी बैनर, प्लास्टिक स्टिक वाले इयरबड, गुब्बारे में लगने वाले प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक शामिल है।

अब लैंडफिल साइड पर आसानी से होगी रीसाइकिल

एकल उपयोग प्लास्टिक को रीसाइकिल करना मुश्किल और तरह की परेशानियां पैदा करता है। लैंड फिल साइट के अभिषेक ने बताया कि अभी तक गीले कचरे में ही एकल उपयोग प्लास्टिक आती थी, जिसके चलते रीसाइकिल होने में काफी समय लगता था, लकिन इस पर रोक लगने से अब रीसाइकिल के कार्य में तेजी आएगी।

250 दुकानों में रखा है दो करोड़ से अधिक का स्टॉक

थर्माकोल और प्लास्टिक का कारोबार करने वाले डिस्ट्रीब्यूटर्स की मानें तो शहर में करीब 250 दुकानें हैं और अधिकांश में बैन होने वाले उत्पादों का स्टॉक है। जबकि थोक की 50 दुकानें है। इन दुकानों में वर्तमान में 2 करोड़ से अधिक का माल भरा हुआ है।

क्या है सजा

इसका उल्लंघन करने वालों को पांच साल की सजा या एक लाख रुपए का जुर्माना या दोनों हो सकता है। लगातार उल्लंघन करने वाले पर पांच हजार प्रतिदिन के हिसाब से भी जुर्माना लग सकता है।

निगम स्तर पर यह प्रयास

-प्रतिबंध को लेकर आम जन को जागरूक करने के लिए शहर के मुख्य स्थानों पर होर्डिंग लगाए जाएंगे।

-निगम क्षेत्र के सभी दुकानदारों, ठेले वालों को इसके इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंध की जानकारी देकर इसका इस्तेमाल न करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

इनका कहना है

एकल उपयोग प्लास्टिक जहां पर्यावरण को प्रदूषित करता है। इसका प्रयोग हमारे शरीर के लिए बहुत हानिकारक है। इससे कैंसर जैसे जानलेवा बीमारी हो सकती है। इसलिए इसका इस्तेमाल न करें। सरकार ने कुछ माह पहले ही इसके इस्तेमाल, भंडारण, आयात, वितरण व बिक्री पर रोक लगा दी थी। एक जुलाई से इस पर पूर्णत: रोक लगा दी गई है। नगर निगम ने इसपर रोक लगाने के लिए कमर कस ली है। दुकानदारों व शहरवासियों को प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

15 दिन पहले ही बंद हो चुका उत्पादन

एकल उपयोग प्लास्टिक की वस्तुओं के उत्पादन की फैैक्ट्रियों में 15 जून से ही रोक लगा दी गई है।

इनका कहना है

व्यापारियों के पास दुकानों में करोड़ों रूपए का माल रखा है। ऐसे में व्यापारियों को काफी नुकसान होगा। पहले प्रशासन को उत्पादन करने वालों पर रोक लगानी चाहिए। बाहर से जो भी एकल उपयोग प्लास्टिक का सामान आ रहा है उसे पर तुंरत रोक लगानी चाहिए। अभी शादियों के कारण व्यापारियों ने माल भरके रखा हे, ऐसे में हम प्रशासन से समय मांगेगे।

प्रवीण अग्रवाल

मानसेवी सचिव

चेम्बर ऑफ कॉमर्स

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