चबूतरा छह इंच नीचा होने से भक्त कर सकेंगे भगवान भोलेनाथ के दर्शन

चबूतरा छह इंच नीचा होने से भक्त कर सकेंगे भगवान भोलेनाथ के दर्शन
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ग्वालियर, न.सं.। भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए खुशखबरी है कि वे श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर पर विराजमान शिवलिंग के दर्शन मंदिर के बाहर से भी कर सकेंगे। इसके लिए न्यास द्वारा मंदिर का नवनिर्मित चबूतरा तोडक़र छह इंच नीचा किया जा रहा है। इस संबंध में 29 अगस्त को स्वेदश समाचार पत्र में एक खबर 'चबूतरा ऊंचा होने से भगवान भोलेनाथ की पिण्डी हुई नीची, भक्त हो रहे परेशान' प्रकाशित की थी। स्वदेश की खबर प्रकाशित होने के बाद मंदिर का चबूतरा नीचे होने का कार्य शुरू हो गया है।

उल्लेखनीय है कि प्राचीन एवं ऐतिहासिक श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार एवं पुननिर्माण चल रहा है। चबूतरा ऊँचा होने से भगवान शिव की पिण्डी काफी नीचे हो गई थी, जिससे लोग चबूतरे पर बैठकर भी भगवान की पूजा नहीं कर पा रहे थे। इसके साथ ऐसे भक्त जो सडक़ मार्ग से निकलते हुए भगवान के दर्शन करते थे उन्हें भी पिण्डी दिखाई नहीं दे रही थी और काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा था। इस संबंध में श्री अचलेश्वर महादेव मन्दिर न्यास के पूर्व सूचना सचिव एवं मेला व्यापारी संघ के अध्यक्ष महेन्द्र भदकारिया ने न्यास को पत्र लिखकर कहा था कि मंदिर के जीर्णोेद्धार कार्य मेें अनजाने अथवा त्रुटिवश एक बड़ी भूल हो गई है। मंदिर का गर्भग्रह नीचा होने और चबूतरा ऊँचा होने से भक्त काफी परेशान हो रहे हैं और वे भगवान की पूजा नहीं कर पा रहे हैं। अत: इसे नीचे किया जाए। श्री भदकारिया ने कहा कि मंदिर देव प्रतिमा या पिण्डी सदैव उच्च स्थान पर होती है। इसके बाद चबूतरा सुधरने का कार्य तीव्र गति से शुरू हो गया है।

शिवरात्री तक बनकर तैयार हो जाएगा मंदिर:-

श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर का कार्य पुन: शुरू हो गया है। संभवत: यह मंदिर शिवरात्री तक बनकर तैयार हो जाएगा। इस मंदिर की लागत 3.11 करोड़ रुपए है। मंदिर के तैयार होने से भक्त भगवान के दर्शन आराम से कर सकेंगे।

इनका कहना है:-

'भक्तों की मंशा के अनुसार मंदिर के चबूतरे को छह इंच नीचा किया जा रहा है। इसके बाद इस पर मारबल लगाया जाएगा। मंदिर शिवरात्रि तक बनकर तैयार हो जाएगा।'

भुवनेश्वर वाजपेयी, सचिव, श्री अचलेश्वर न्यास

'मंदिर का चबूतरा अभी ऊंचा है जिससे भक्त भगवान के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं। चबूतरा नीचे होने से सभी आराम से भगवान के दर्शन कर सकेंगे।'

महेन्द्र भदकारिया, पूर्व सूचना सचिव, श्री अचलेश्वर न्यास

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