रानी कमलापति-हजरत निजामुद्दीन वंदे भारत एक्सप्रेस में जुड़ेगा स्लीपर कोच

रानी कमलापति-हजरत निजामुद्दीन वंदे भारत एक्सप्रेस में जुड़ेगा स्लीपर कोच
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चेन्नई स्थित इंट्रीगल कोच फैक्टरी में वंदे भारत के स्लीपर कोच तैयार किए जा रहे हैं।

ग्वालियर,न.सं.। वंदे भारत ट्रेनों में एक-एक कर स्लीपर कोच भी जोड़े जाएंगे। इसकी शुरुआत लंबी दूरी की वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों से होगी। इन ट्रेनों में पहले एक से दो स्लीपर कोच जोड़े जाएंगे। ग्वालियर होकर चलने वाली रानीकमलापति-हजरत निजामुद्दीन वंदे भारत एक्सप्रेस में यह सुविधा सबसे पहले मिल सकती है।

चेन्नई स्थित इंट्रीगल कोच फैक्टरी में वंदे भारत के स्लीपर कोच तैयार किए जा रहे हैं। रेलवे की स्लीपर वंदे भारत को मार्च 2023 तक चलाने की योजना है। इसके पूर्व स्लीपर कोच का फीडबैक लेने के लिए वर्तमान में चल रही कुछ वंदे भारत ट्रेनों में एक से दो स्लीपर कोच जोडऩे की योजना पर रेलवे काम कर रहा है। पहले चरण में प्रयोग के तौर पर यह कोच लंबी दूरी की वंदे भारत ट्रेनों में लगाए जाएंगे। जिन ट्रेनों में स्लीपर कोच लगाए जाएंगे उनमें वाराणसी-नई दिल्ली, रानी कमलापति-हजरत निजामुद्दीन, माता वैष्णो देवी कटरा-नई दिल्ली, नागपुर-इंदौर आदि वंदे भारत ट्रेन के नाम शामिल हैं।

आईसीएफ चेन्नई में जो कोच बन रहे हैं, उनमें से एक-एक कर सिटिंग कोच लगाए जाएंगे। इसके किराये को लेकर रेलवे बोर्ड में मंथन चल रहा है। चर्चा है कि वर्तमान में चल रही एक्सप्रेस ट्रेनों के एसी टू श्रेणी से वंदे भारत के स्लीपर का किराया कुुछ ज्यादा हो सकता है। किराये का निर्धारण होने के बाद संबंधित रेल मंडलों को भेज दिया जाएगा। वंदे भारत के स्लीपर कोच में कुल 51 सीटें रहेंगी।

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