स्मार्ट सिटी देगा नव उद्यमियों को स्टार्टअप शुरू करने का मौका
ग्वालियर। कोरोना संकट के इस दौर में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के प्रति समर्पण का आह्वान किया है। मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में किसी भी राष्ट्र का आत्मनिर्भर बनना बहुत ही अहम है। पीएम के आत्म निर्भर भारत अभियान के स्वप्न को साकार करने के लिए ग्वालियर स्मार्ट सिटी नव उद्यमियों के लिए एक योजना तैयार की है। जिसके तहत शहर के स्टार्टअप्स को परीक्षण, सलाह तथा एक पटल प्रदान किया जायेगा।
ड्रीम हैचर देगा स्टार्टअप्स को परीक्षण
ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा इंक्युबेशन सेंटर "ड्रीम हैचर " के माध्यम से शहर के स्टार्टअप्स को परीक्षण, एवं सलाह देने के लिए एक पटल प्रदान किया जा रहा है। जहां से वे अपने आइडिया को प्रोडक्ट में ढाल दुनिया के समक्ष ला सकते हैं। इनमें से कुछ स्टार्टअप्स ने ग्वालियर स्मार्ट सिटी सी॰ई॰ओ॰ श्रीमती जयति सिंह व अन्य अधिकारियों के समक्ष प्रेसेंटेशन व प्रोडक्ट डेमो के माध्यम से जानकारी दी। इन स्टार्टअप में से कुछ स्टार्टअप के प्रॉडक्ट्स को फ़ेज़ 1 से आगे बढ़ाने के लिये चयनित किया गया है।
स्मार्ट सिटी सी॰ई॰ओ॰ जयति सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि ये सभी स्टार्ट अप्स न सिर्फ़ वर्तमान की ज़रूरतों अपितु भविष्य की चुनौतियों को भी विचाराधीन रखते हुए आगे बढ रहे हैं। स्मार्ट सिटी का उद्देश्य इन युवाओं को मार्गदर्शन देते हुए ऐसे इनोवेटिव उत्पाद बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। विश्व आज अनेक प्रकार की चुनौतियों के सामना कर रहा है तथा स्वास्थ्य, पर्यावरण, सुरक्षा तथा ऊर्जा के क्षेत्र में निरन्तर तकनीकी विकास की आवश्यकता है। हमारा प्रयास है कि ग्वालियर को विश्व के स्टार्ट अप मानचित्र में एक व्यापक पहचान मिले तथा यहाँ से विकसित आइडिया व उत्पाद विश्व में अपना नाम बना सकें। ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा इन सभी स्टार्ट अप्स को फ़ंडिंग, मोनिटरिंग, गाइडेंस तथा राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पार्टनर दिलवाना है जिससे आइडिया को उत्पाद या सेवा में तब्दील कर बाज़ार में उतारा जा सके ।
इन प्रतिभावान उद्यमियों के आईडियाज का हुआ चयन-
1. "तुलिका " - सुनील गोयल द्वारा संचालित यह फ़र्म न्यूज़पेपर से पेंसिल बनाती है। इस प्रयास में पेपर को रोल कर 100 किलो पेपर में 300 लीटर पानी की बचत होती है। एक अख़बार यदि 30 पेज का है तो उस से लगभग 90 पेंसिल बनाई जा सकती हैं। तुलिका पेंसिल की ख़ास बात यह है कि हल्की होने के कारण उपयोगकर्ता को थकावट नहीं होती। इसमें प्रयुक्त किये हाइब्रिड लेड से स्केचिंग व लिखावट दोनों हीआसानी से किये जा सकते हैं। ये स्टार्टअप अब तक 30,000 से अधिक पेंसिल विभिन्न संस्थाओं को सप्लाई कर चुका है।
2. वी एन ओरगेनिक्स - आई॰टी॰एम॰ यूनिवर्सिटी की छात्रा निशा निरंजन तथा विकास पटैया द्वारा शुरू किये गए स्टार्टअप वी एन ओरगेनिक्स द्वारा जैविक प्रक्रिया से मशरूम उगाये जा रहे हैं। ये मशरूम बाज़ार में मिलने वाले अन्य मशरूम से अलग हैं। ये इम्यूनिटी को बढ़ावा देने के साथ बेहद पौष्टिक है । थोड़ी सी मात्रा में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में ये मशरूम सक्षम हैं। इन्हें हाई टेक प्रयोगशाला में जैविक विधि से उत्पादित किया जाता है।
3. - "फ़्यूज़न" - फलित गोयल द्वारा शुरू किए गए स्टार्ट अप "फ़्यूज़न " ने पुराने वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में परिवर्तित करने का प्रोटोटाइप तैयार किया है। लगभग 20000 रु की लागत से किसी भी पुराने स्कूटर या मोटरसाइकल को उसके मूल रूप (ढाँचे) में रखते हुए इलेक्ट्रिक वहाँ में परिवर्तित कर दिया जाता है। इस लागत में पेंट, जंग हटाना, बॉडी डिज़ाइन, बैटरी सहित नई इलेक्ट्रिक मोटर सम्मिलित रहते हैं। प्रोटोटाइप टेस्टिंग विगत एक वर्ष करने के बाद यह स्टार्टअप अब ऑर्डर बुकिंग के लिए तैयार है।