कटोराताल के पानी से आ रही बदबू, घटने लगे सैलानी

कटोराताल के पानी से आ रही बदबू, घटने लगे सैलानी
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रात के समय छाया रहता है अंधेरा, सैलानियों के लिए शौचालय तक नहीं

ग्वालियर। शाम के समय शहर का मुख्य पर्यटन स्थल बन चुके कटोराताल में घूमने के लिए पहुंच रहे सैलानी पानी में आ रही दुर्गंध के चलते परेशान हो रहे हैं। कटोराताल में पानी को साफ रखने के लिए फिल्ट्रेशन प्लांट लगाया जाना था, लेकिन विवादों के चलते यह प्लांट नहीं लग पाया। अब जैसे ही संगीतमयी फव्वारे का शो शुरू किया जाता है, वैसे ही पानी में हलचल शुरू हो जाती है और दुर्गंध आने लगती है। बदबू के चलते पिछले कुछ दिनों में सैलानियों की संख्या में भी कमी आई है। फव्वारे के ठेकेदार कमल गुप्ता ने स्मार्ट सिटी अधिकारियों को इससे अवगत कराया है।

आमतौर पर ठहरे हुए पानी जैसे स्वीमिंग पूल में भरे पानी को साफ करने के लिए क्लोरीन प्लांट लगाया जाता है। इससे पानी के अंदर सभी भारी तत्व हट जाते हैं। इसके चलते स्वीमिंग पूल में चार से पांच माह में एक बार पानी को बदला जाता है, लेकिन उसका फिल्ट्रेशन लगातार होता है। यही तकनीक कटोराताल में भी उपयोग की जानी थी, लेकिन यहां क्लोरीन फिल्ट्रेशन प्लांट नहीं लगाया गया है। इसके कारण पानी फिल्टर नहीं हो पाता है। यहां स्मार्ट सिटी ने 2.91 करोड़ रुपये की लागत से संगीतमयी फव्वारा लगाया है और शाम को यहां शो का संचालन किया जाता है।

काई तक जम रही है, अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

कटोराताल में सबसे महंगा संगीतमयी फव्वारा लगाया गया है, लेकिन यहां पर पानी के अंदर काई जम गई है। इतना ही नहीं किनारे पर गंदगी के ढेर तक लगे है, ऐसे में संगीतमयी फव्वारा भी खराब हो सकता है। यहां पर आने वाले सैलानियों के लिए न तो बैठने की व्यवस्था है और न ही शौचालय की। बाहर जो शौचालय बना भी है वहां पर शुल्क लिया जाता है। रात के समय यहां पर आने वाले सैलानानी अंधेरे के कारण भी यहां पर आना उचित नहीं समझ रहे।

तत्कालीन जिलाधीश ने व्यवस्थाएं सुधारने के दिए थे निर्देश

तत्कालीन जिलाधीश कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कटोराताल में निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने स्मार्ट सिटी अधिकारियों को यहां पर बैंच व पीने के पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। लेकिन निर्देश के बाद यहां पर आज भी पीने के लिए पानी तक नहीं है। यहां पर मौजूद कर्मचारी अपने घर से पानी लाने को मजबूर है।

दो जिलाधीश आए, किसी ने नहीं किया निरीक्षण

तत्कालीन जिलाधीश कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के जरूर यहां का निरीक्षण किया। लेकिन उनके बाद न तो अक्षय कुमार सिंह ने ििनरीक्षण किया और न ही वर्तमान जिलाधीश रूचिका चौहान ने।

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