तो सबरी राम के मंदिर में क्यों नहीं जा सकती है
ग्वालियर,न.सं.। अगर राम शबरी के झूठे बेर खा सकते हैं, तो शबरी राम के मंदिर में क्यों नहीं जा सकती है.. जब हास्य कवि सम्राट पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा ने यह पंक्तियां सुनाई तो हर कोई देश में महिलाओं को सम्मान देने के विषय में सोचने लग गया। जिसके बाद सारा मंच तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। कुछ यही नजारा था रविवार को जीवाजी विवि के सभागार में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री एवं ग्वालियर के लाड़ले सपूत अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित ‘हमारे अटल प्यारे अटल’ कवि सम्मेलन का। जिसमें देश के प्रख्यात कवियों ने अटल जी को काव्यांजलि अर्पित की। इस मौके पर देश के प्रख्यात कवि पदम्श्री सुरेन्द्र शर्मा को अटल कवि सम्मान प्रदान किया गया।
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में सांसद विवेक नारायण शेजवलकर एवं महापौर डॉ. शोभा सतीश सिंह सिकरवार, सभापति मनोज सिंह तोमर, निगमायुक्त हर्ष सिंह उपस्थित रहे।
इस मौके पर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि अटल जी संवेदनशील राजनेता, वक्ता, कवि एवं कुशल प्रशासक रहे हैं। अटल जी की सरकार को हमेशा सुशासन, देश में सडक़ों का जाल बिछाने एवं सबसे ज्यादा दलों के बीच सामंजस्य बैठाकर सफलतम सरकार चलाने को लेकर याद किया जा जाएगा। महापौर डॉ. शोभा सतीश सिंह सिकरवार भारत रत्न एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी विराट व्यक्तित्व वाले राजनेता एवं कवि थे। निगमायुक्त हर्ष सिंह ने कहा कि यह आयोजन आगे भी लगातार और वृहद रूप से आयोजित हो, इसके लिए हम लगातार प्रयास करेगें।
प्रख्यात कवि पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा कवि अटल सम्मान से विभूषित
देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर आयोजित कवि अटल सम्मान समारोह अतिथियों द्वारा देश के सुविख्यात कवि पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा दिल्ली को कवि अटल सम्मान से विभूषित किया गया। श्री शर्मा को 1 लाख रुपए की राशि, सम्मान पत्र एवं शॉल व श्रीफल से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में पधारे सभी कवियों को स्मृति चिन्ह एवं शॉल प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कवियों ने किया कविता पाठ
पाएगा न यश कीर्ति अटल के जैसा न कोई शायद किसी में ऐसा त्याग तप आएगा, आएगा न भक्ति भाव मन में स्वदेश का तो शत्रुओं के मध्य जय हिंद कौन गाएगा। गाएगा हजार बार भारती का यश गान क्या सपूत की भक्ति देश दौहराएगा। दौहराएगा भले ही बलिदान किंतु अटल की छवि कौन रच पाएगा।
अनिल चौबे
सपनों के नशे मन को एक बार फिर सजाना, होली, दिवाली, ईद भी मिलजुलकर मनाना, जो देश पर शहीद हुए उनकी याद में गर हो सके तो एक दिया तुम भी जलाना।
डॉ. सरिता शर्मा
अब इससे बढक़र और क्या सजा हमारी है, तुम्हारे दौर में जो जिंदगी गुजारी है। नजर बचा के गुजरते हो तो गुजर जाओ, मैं आईना हंू मेरी अपनी जिम्मेदारी है।
ताहिर फराज
उलझे उलझे हैं उलझा को सिद्ध सरल हो जाएंगे पूर्ण फलित या समाकलित या फिर अवकल हो जाएंगे सिर्फ निरंतरता रखना तुम और जरा सा संयम भी अंकगणित के प्रश्नों जैसे हैं हम हल हो जाएंगे।
मनु वैशाली
तो सबरी राम के मंदिर में क्यों नहीं जा सकती है...
देश के प्रख्यात कवियों ने दी भारत रत्न अटल जी को काव्यांजलिराजहंस तुमने मानस को कमल कमल कर डाला, और पोखरण में भारत को अटल अटल कर डाला, फिर से आना मात भारती जाता देख पुकारी।
सुधीप भोला