संगीत कोई भी हो अपनी छाप छोड़ ही जाता है: डॉ. चौहान

संगीत कोई भी हो अपनी छाप छोड़ ही जाता है: डॉ. चौहान
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आईटीएम वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल में गानों पर थिरके विद्यार्थी

ग्वालियर। शास्त्रीय संगीत के लिए ग्वालियर ही नहीं दुनिया में भी पहचाना चाहता है। भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य सच में अनोखा और अद्भुत है। आईटीएम वल्र्ड म्यूजिक फेस्टिवल का उद्देश्य आपको देश ही नहीं दुनिया के संगीत और म्यूजिक से परिचित कराना है। क्योंकि संगीत और म्यूजिक कोई भी हो वह अपनी छाप छोड़ ही जाता है। यह बात आईटीएम विश्वविद्यालय के सिथौली परिसर स्थित नाद एम्फीथियेटर में आयोजित दो दिवसीय ‘आईटीएमवल्र्ड-म्यूजिक फेस्टिवल’ के समापन अवसर पर संस्थान के प्रो-चांसलर डॉ. दौलत सिंह चौहान ने कही। समापन अवसर पर कैलि फोर्निया लॉस एंजिल्स के बैंड मार्क सईटन और इटली के मार्थे बैंड्स ग्रुप की धमाकेदार सॉन्ग और म्यूजिक की प्रस्तुति हुई।

वहीं प्रसिद्ध सिंगर मार्कस के गानों व गैज धुनों और म्यूजिक का स्टूडेंट्स ने लिया भरपूर आनंद लिया और जमकर थिरके। इस अवसर पर विवि की चांसलर रुचि सिंह चैहान, वाइस चांसलर प्रो. योगेश उपाध्याय, रजिस्ट्रार डॉ. ओमवीर सिंह, आईटीएम की डायरेक्टर डॉ. मीनाक्षी मजूमदार, आईटीएम हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. प्रशांत अग्रवाल सहित सभी अन्य मौजूद रहे।

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