तुलसी, लौकी और तोरई की बन रही हैं राखियां
ग्वालियर, न.सं.। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इस वर्ष रक्षाबंधन पर आत्म निर्भर भारत के अंतर्गत राखियों में तुलसी का बीज डालकर बनाने का नया अभियान शुरू किया है। रक्षाबंधन के बाद उस राखी को गमले में डालेंगे तो तुलसी का पौधा उगेगा। तुलसी के अलावा लौकी, तौरई, करेला, तरबूज कई तरह के बीज राखियों में डाले जा रहे हैं। वेबिनार में कैट महिला विंग की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सीमा सेठी ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम आत्मनिर्भर भारत की तरफ बढें और भारतीय त्यौहारों को पूरी तरह भारतीयता का परिवेश पहनाएं। दिल्ली प्रदेश कैट महिला विंग की संयोजक पूनम गुप्ता ने कहा कि हमने सवा लाख राखियां तैयार करके ढाई सौ महिलाओं को रोजगार दिया है। ग्वालियर अंचल के प्रत्येक जिले में कैट इन राखियों का विक्रय करेगा। कैट की मध्यप्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती अलका श्रीवास्तव ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कहा कि हम बैंक फायनेंस के साथ उनकी मदद के लिए तत्पर हैं और महिलाएं आगे आए। उन्होंने कहा कि हम अपने त्यौहारों पर चाइना के उत्पादों का उपयोग नहीं करेंगे। कैट के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन ने महिलाओं को विश्वास दिलाया कि हम ऐसा करके अपने भारत देश का फायदा कर रहे हैं। संपन्न हुए वेबिनार का संचालन कविता जैन ने किया।