प्रदेश के हर गांव में पहुंचेगा नल से जल, तीन साल में पूरा होगा मिशन

प्रदेश के हर गांव में पहुंचेगा नल से जल, तीन साल में पूरा होगा मिशन
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भोपाल। जल प्रत्येक जीव के जीवन की पहली जरूरत है। राज्य सरकार भी इसे अपनी प्राथमिकता में रखते हुए इसकी शीघ्र उपलब्धता और बेहतर प्रबंधन को निरंतरता दे रही है। प्रदेश के ग्रामीण अंचल में हर परिवार को घर में ही नल कनेक्शन से पानी उपलब्ध करवाये जाने से माताओं-बहनों को पानी के लिए नदी, तालाब, कुँआ अथवा बावड़ी तक जाने से निजात मिल जायेगी। राज्य सरकार के ग्रामीण आबादी को नल से जल मुहैय्या करवाने के कारगर प्रयासों से अब किसी को "नीर के लिये पीर" नहीं सहना होगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को लाल किले से घोषणा की थी कि देश की समूची ग्रामीण आबादी को शुद्ध पेयजल उनके घर पर ही नल कनेक्शन के जरिये दिये जाने की व्यवस्था की जायेगी। इसके बाद भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने 'राष्ट्रीय जल जीवन मिशन' की गाइड लाइन जारी की। मिशन के मुताबिक गाँव के हर परिवार को नल कनेक्शन से जल उपलब्ध करवाने पर होने वाले व्यय की 50 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार देगी तथा 50 प्रतिशत व्यय राज्य सरकार को वहन करना है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की करीब सवा 5 करोड़ ग्रामीण आबादी को नल कनेक्शन के जरिये गुणवत्तापूर्ण जल उपलब्ध करवाने के लिये "जल जीवन मिशन" के अन्तर्गत कार्यवाही के निर्देश दिये। इससे प्रदेश में ग्रामीण पेयजल व्यवस्था को जल जीवन मिशन से मिली गति और ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन। मिशन के जरिये दिसंबर 2020 तक 30 लाख से ज्यादा नल कनेक्शन दिये गये हैं। इससे 1473 ग्राम शत-प्रतिशत घरेलू नल कनेक्शन युक्त हो चुके हैं।

मिशन के अन्तर्गत प्रधानमंत्री के सभी स्कूलों/आँगनवाड़ियों में नल कलेक्शन से पेयजल प्रदान करने के 100 दिवसीय अभियान में प्रदेश में तेजी से काम किया जा रहा है। अब तक 12 हजार 881 शालाओं तथा 6 हजार 284 आँगनवाड़ियों में नल से जल सुलभ कराया जा चुका है। शेष स्कूल और आँगनवाड़ियों में 31 मार्च 2021 तक नल से जल पहुँचाने का लक्ष्य है।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और जल निगम प्रदेश के सभी ग्रामीण अंचल के हर परिवार तक नल कनेक्शन से जल पहुँचाने के लिये लगातार कार्य कर रहे हैं। ग्रामीण आबादी को गुणवत्तापूर्ण और पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध करवाने के लिए 13 हजार 530 करोड़ की लागत की एकल और समूह जलप्रदाय योजनाओं पर कार्य जारी है। इनके पूर्ण होने पर 44 लाख 56 हजार नल कनेक्शन दिए जायेंगे, जिससे लगभग साढ़े 18 हजार ग्राम शत-प्रतिशत FHTC युक्त हो जायेंगे। जल जीवन मिशन में जल-संरचनाओं के निर्माण और संधारण के कार्य लगभग हर जिले में जारी हैं। ग्रामीण जनसंख्या के आधार पर प्राप्त प्रस्तावों पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जलप्रदाय योजनाओं की स्वीकृति दिए जाने का सिलसिला बना हुआ है।

लक्ष्य प्राप्ति में प्रदेश अग्रणी तीन राज्यों में

देश के सात बड़े राज्यों में जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश अग्रणी तीन राज्यों में शामिल है। प्रदेश में मिशन के क्रियान्वयन का लक्ष्य योजनाबद्ध और सामयिक अनुपात में निर्धारित किया गया है। ग्रामीण आबादी के अनुसार प्रत्येक 5 सदस्यीय परिवार को आधार मानकर एक करोड़ से अधिक नल कनेक्शन दिये जाना होंगे। वर्ष 2020-21 में 26 लाख 26 हजार, वर्ष 2021-22 में 33 लाख 74 हजार, वर्ष 2022-23 में 28 लाख 76 हजार तथा वर्ष 2023-24 के दिसंबर माह तक 14 लाख 75 हजार नल कनेक्शन दिये जाने का लक्ष्य है।

जल्द ही दो जिले शत-प्रतिशत FHTC युक्त होंगे

मिशन के अन्तर्गत राज्य जल निगम द्वारा सर्वप्रथम दो जिलों के सभी ग्रामों के प्रत्येक परिवार को 31 मार्च 2021 तक नल कनेक्शन से जलप्रदाय की दिशा में तेजी से कार्यवाही की जा रही है। इसी क्रम में बुरहानपुर जिले में 255 आबादग्राम में एक लाख 06 हजार से ज्यादा घरेलू नल कनेक्शन दिए जाना हैं। इस योजना के पूर्ण होते ही 5 लाख 31 हजार आबादी को नल कनेक्शन के माध्यम से जलप्रदाय शुरू हो जायेगा। इसी तरह निवाड़ी जिले में 253 आबादग्राम में करीब 72 हजार घरेलू नल कनेक्शन दिए जाना हैं। इसके बाद इन गाँवों की 3 लाख 88 हजार आबादी को नल कनेक्शन से जल मिलने लगेगा।

हर स्तर पर समितियाँ गठित

प्रदेश में जल जीवन मिशन के संचालन के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन और कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला जल एवं स्वच्छता मिशन का गठन किया गया है। साथ ही ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति का गठन भी किया जायेगा। योजना में निर्माण लागत की 10 प्रतिशत जनभागीदारी होगी। ग्राम से जनभागीदारी श्रम, सामग्री अथवा नगद राशि के रूप में ली जा सकेगी। अनुसूचित जाति एवं जनजाति बाहुल्य ग्रामों में जनभागीदारी 5 प्रतिशत होगी।


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