जाते जाते चालीस करोड़ की शासकीय भूमि निजी कर गए तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह
ग्वालियर। विवादों से घिरे सिटी सेंटर क्षेत्र के तत्कालीन तहसीलदार शत्रुघ्न सिन्ह के कारनामे एक के बाद एक सामने आ रहे हैं।एक महिला से यौन उत्पीडन की शिकायत पर नपने से पहले वे नौगांव क्षेत्र की लगभग चालीस करोड़ रुपए की शासकीय भूमि को निजी कर गए। यह भूमि शिवपुरी लिंक रोड पर टोयटा शोरूम के पास है जहां एक बीघा जमीन की कीमत दो से तीन करोड़ रुपए से कम नहीं है। जानकारी के मुताबिक महिला उत्पीडऩ की शिकायत पर जिलाधीश रुचिका चौहान ने शत्रुघ्न सिंह चौहान को छह अप्रैल को पद से हटाकर कलेक्ट्रेट में अटैच कर दिया लेकिन इसके ठीक दो दिन पहले उन्होंने एक ऐसी जमीन को निजी घोषित कर दिया जिसे लेकर पहले ही कई वाले खारिज किए जा चुके थे।
श्री सिंह ने ग्राम नौ गांव तहसील सिटी सेंटर में सर्वे क्रमांक 110/2 रकवा 1.630, सर्वे 111/2 रकवा 2.508 कुल किता दो रकवा 4.138 हेक्टेयर यानी कि चालीस करोड़ रुपए कीमत की 18 बीघा जमीन को स्व शंकर सिंह गुर्जर के पुत्रों और अन्य वारिसों के नाम करने के आदेश जारी किए हैं। जबकि वर्ष 2009-10 के खसरे में शंकर सिंह का नाम था ही नहीं। उसकी मृत्यु 2 मार्च 2009 में होने के बाद वारिसों द्वारा उक्त भूमि अपने नाम किए जाने के आवेदन को तत्कालीन तहसीलदार 7 मई 2018 को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि भूस्वामी का नाम कंप्यूटर अभिलेख में दर्ज नहीं है। इसके बाद अपील की गई साथ ही मामला उच्च न्यायालय भी पहुंचा। याचिका क्रमांक 2040/2020 में न्यायालय ने 7 फरवरी 2020 को अपने आदेश में पट्टे की वैद्यता की जांच के लिए कहा। जिसके खिलाफ रिट अपील 392/2020 प्रस्तुत की गई।
इस आदेश के पालन में तहसीलदार न्यायालय ने 4 जनवरी 2023 जांच उपरांत आवेदन निरस्त कर दिया। इसके बाद एसडीएम झांसी रोड के माध्यम से जिलाधीश न्यायालय तक मामला पहुंचने पर उन्होंने भी 22 अगस्त 2023 आवेदन निरस्त कर दिया। इसमें अपील करने की स्वतंत्रता दी गई जिस पर एसडीएम के यहां की जिसका निराकरण 21 दिसंबर 2023 को झांसी रोड एसडीएम ने करते हुए 4 मई के आदेश को निरस्त कर दिया। साथ ही याचिका क्रमांक 392/2020 में दिए आदेश के क्रम में आदेश पारित किया। इसमें कहा गया था कि अभिलेख का सूक्ष्मता से परीक्षण कर निराकरण करें। बस इसी बात का लाभ उठाकर तहसीलदार ने सारी जमीन निजी घोषित कर दी। साथ ही यह लेख किया कि शासकीय भूमि को निजी भूमि के रूप में परिवर्तित करने का अधिकार जिलाधीश को है, अत: इसकी अनुशंसा की जाती है। वहीं पुराने खसरों में अलग स्याही से कांटछांंट कर नाम चढ़ाए जाना दिखाई दे रहा है इसीलिए जिलाधीश मामले की फाइल मंगाएगी तो दूध का दूूध पानी का पानी हो जाएगा।
विवादों से रहा है नाता,इनाम भी हुआ घोषित
वर्ष 1988 में पटवारी बनने के बाद से ही विवादों में रहे शत्रुघ्न सिंह चौहान न सिर्फ कई बार निलंबित हुए बल्कि एक दर्जन अपराध भी उनके खिलाफ दर्ज रहे जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास,खनन,लूट जैसे मामले शामिल हैं। उनके खिलाफ चंबल संभाग के तत्कालीन आईजी एसडब्ल्यू नकवी ने 15 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया था। कैलारस,रौन और इटावा में प्रकरण दर्ज हुए। रायसेन में रिश्वत लेने के मामले में वीडियो वायरल होने पर निलंबित हुए। जीडीए में छुट्टी वाले दिन फाइले पास की। फिर यहां से भी हटाए गए।
इनका कहना
तत्कालीन तहसीलदार द्वारा ग्राम नौगांव के सर्वे क्रमांकों की वेशकीमती शासकीय भूमि को निजी घोषित करने का मामला संज्ञान में नहीं है । इसकी जानकारी लेकर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
विनोद सिंह
एसडीएम झांसी रोड