निगम को करनी है 242 करोड़ संपत्तिकर की वसूली, अभी तक 56 करोड़ ही जमा करवा पाया
ग्वालियर,न.सं.। नगर निगम की आय का मुख्य स्रोत संपत्तिकर की वसूली का लक्ष्य 242 करोड़ रखा गया था। लेकिन अभी तक मात्र 56 करोड़ के आसपास ही संपत्तिकर वसूली की जा सकी है। अधिकारी संपत्तिकर की वसूली जनवरी से मार्च माह के बीच ही करते हैं इसके कारण यह लक्ष्य कभी पूरा नहीं हो पाता है।
शहर में करीब तीन लाख के आसपास संपत्तियां हैं, लेकिन नगर निगम के खाते में मात्र डेढ़ लाख के आसपास नामांकित हैं। करीब एक लाख लोग ऐसे हैं जो भूमि या भवन के मालिक हैं लेकिन वह संपत्ति कर अदा नहीं करते हैं। नगर निगम ऐसे संपत्ति कर ना देने वाले लोगों के खिलाफ भी कोई सख्त कार्रवाई नहीं करती है । नगर निगम के अधिकारियों के सामने खजाना भरने की चुनौती है। नगर निगम अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए छोटे बकायदारों के बजाए संपत्तिकर और जलकर के बड़े बकायदारों से वसूली के लिए अभियान शुरू करने दावा कर रहा है।
संपत्तिकर के मुख्य बिंदु
-कुल सम्पत्तिकर देने वाले-3 लाख 10 हजार
-राज्य शासन की 25 हजार सम्पत्तियां
-एक लाख अवैध सम्पत्तियां, जिनसे निगम को कोई भी कर नहीं मिल रहा।
वसूली बढ़ाने करना होगी ये मशक्कत
-कॉलोनी वैध हो चाहे अवैध सभी से हो वसूली
-हर महीने पंजीकृत होने वाली सम्पत्तियों पर नजर
इन पर है वसूली की जिम्मेदारी
(आरके श्रीवास्तव अपर आयुक्त सम्पत्तिकर)
-उपायुक्त
रजनीश गुप्ता-ग्वालियर ग्रामीण
एपीएस भदौरिया-ग्वालियर पूर्व
उत्तम जखेनियां-ग्वालियर विधानसभा
अनिल दुुबे-ग्वालियर दक्षिण
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किस विधानसभा में कितनी वसूली
-ग्वालियर पूर्व विधानसभा
अभी तक 27 करोड़ 56 लाख 1551 रूपए की वसूली
ग्रामीण विधानसभा
9 करोड़ 27 लाख 8 हजार 668 रूपए की वसूूली
ग्वालियर विधानसभा
8 करोड़ 88 लाख 61 हजार 245 रूपए की वसूली
ग्वालियर दक्षिण विधानसभा
-अभी तक 10 करोड़ 53 लाख 86 लाख 887 रूपए की वसूूली
नोट: यह आंकड़े दस दिसम्बर तक है।
कुल वार्ड-66
-हर वार्ड में एक-एक कर संग्रहक तैनात है।
-साथ ही 12 एपीटीओं की तैनाती है।
यह रहा वसूली का गणित
संपत्ति कर वसूली के आंकड़े
- साल 2015 -16 मिला लक्ष्य-438269778
वसूली -233032611
- साल 2017 -18 मिला लक्ष्य - 852855089
वसूली - 517923652
- साल 2019 - 20 मिला लक्ष्य - 75000000
वसूली - 579459053
-2020-2021 मिला 104 करोड़ रुपए
वसूली 55 करोड़
-2021-2022- मिला लक्ष्य 200
वसूली-55 करोड़ 61 लाख
निजी लोग करते हैं वसूली
क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक एक पर सनसनी खेज मामला उभरा था। जिसमें 65 लाख की वसूली कर संग्रहकों ने बाहरी तत्वों से करा ली थी। इन तत्वों को टैबलेट ऑपरेट करने के लिए अपने हिसाब से करसंग्रहक बगल बैठा लेते है फिर यही तत्व घर-घर जाकर वसूली करके पैसा अपने पास रखते है। इस कांड में छह कर संग्रहक निलंबित हुए थे तब अपनी नौकरी बचाने के लिए इन्हें अपनी जेब से 65 लाख की राशि निगम कोष में जमा करवाना पड़ी थी।
इनसे नहीं होती वसूली
नारकोटिक्स, एलएनआईपीई, रेलवे, ट्रिपल आईटीएम जैसे संस्थान शामिल हैं। सेना के किसी संस्थान से किसी प्रकार की कोई वसूली नहीं की जाती। रेलवे पर नगर निगम का लगभग 12 करोड़ रुपए से अधिक बकाया है।
कुर्की की कार्रवाई होगी
जिन बकाएदारों ने समय रहते टैक्स की राशि जमा नहीं की, तो उनकी संपत्ति सील करने से लेकर कुर्की तक की कार्रवाई की जाएगी। निगमायुक्त ने अधीनस्थों को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द लिस्ट तैयार कर कार्रवाई करें। उसके लिए फिर से एक बार नोटिस दें, अगर उसके बाद भी कोई अगर कोई भुगतान नहीं करता है तो संपत्ति को सील कर दिया जाए। फिर भी वसूली नहीं हो पाती है तो कुर्की की कार्रवाई की जाए। इससे पहले नगर निगम ने मार्च 2022 में शिंदे की छावनी स्थित शांति देवी भार्गव के मकान पर 31 लाख 38 हजार 670 रुपये की वसूली निकाली गई थी। राशि जमा नहीं करने के कारण नोटिस दिए गए। फिर भी राशि नहीं मिली तो मकान को कुर्क कर लिया गया और एक करोड़ 20 लाख पांच हजार रुपये में नीलाम कर दिया गया था।
रोज 1 करोड़ 60 लाख की वसूली हो तभी पूरा होगा लक्ष्य
निगमायुक्त हर्ष सिंह ने संपत्ति कर वसूली की वार्ड वार समीक्षा करते हुए कहा था कि सभी कर संग्रहकों एवं वसूली प्रभारियों को निर्देश दिए कि प्रतिदिन लक्ष्य बनाकर कम से कम 1 करोड़ 60 लाख रुपये की वसूली करना है। तभी हम निर्धारित लक्ष्य 242 करोड़ को पूर्ण कर पाएंगे।