चुनाव विशेष : 50 हजार से अधिक राशि ले जाने के लिए दिखाने होंगे ये दस्तावेज
ग्वालियर। विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही प्रशासनिक अमला पूरी तरह अलर्ट हो गया है। इसके अलावा लोगों के बैंक खाते की हर एक हरकत पर नजर रखी जा रही है। अगर खाते से किसी भी तरह का संदिग्ध लेन-देन होता है तो संबंधित से पूछताछ की जाएगी। ज्यादा कैश की निकासी पर अगर संतुष्ट जबा नहीं दिया तो रकम को जब्त भी किया जा सकता है। साथ ही 50 हजार रुपये से कम नकदी साथ लेकर चलने पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है। लेकिन 50 से अधिक की नकदी साथ लेकर चलने के लिए दस्तावेज दिखाने होंगे। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दिशा निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
उधर अपर जिला दण्डाधिकारी टी एन सिंह की अध्यक्षता में क्रॉस फंक्शनल एजेंसियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में एडीएम श्री सिंह ने क्रॉस फंक्शनल प्रक्रिया से जुड़े विभागों के अधिकारियों से कहा कि वे स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ढंग से विधानसभा चुनाव सम्पन्न कराने में जिला निर्वाचन कार्यालय का सहयोग करें। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि एटीएम व बैंकों में कैश पहुंचाने वाले वाहन पर कैश परिवहन से संबंधित पुख्ता दस्तावेज रहना चाहिए, अन्यथा अवैध कैश परिवहन मानकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एडीएम ने बताया कि स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव सम्पन्न कराने के लिये भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत उडऩदस्ते, एसएसटी, एमसीएमसी सहित अन्य टीम गठित की गई हैं जो लगातार चुनावी व्यय सहित अन्य संदेहास्पद कार्यों पर कड़ी निगरानी रखेंगीं। इनकी रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन व जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा हर संदेहास्पद लेन-देन व धन का अवैध परिवहन, शराब उत्पादन, भण्डारण व वितरण, टोकनों के बदले उपहार, राजनैतिक व सामाजिक कार्यक्रमों में उपहारों का वितरण सहित हर प्रकार की ऐसी गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी, जिससे चुनाव सम्पन्न होने में बाधा उत्पन्न होने की संभावना हो।
यह तीन दस्तावेज साथ में होने जरूरी हैं
- पहचान पत्र - कैश को लेकर जा रहे व्यक्ति का पहचान पत्र और धन के लेनदेन से उसके संबंध का प्रमाण।
- कैश विड्राल का प्रूफ-जैसे बैंक निकासी की पर्ची या मैसेज. ताकि ये साबित हो सके कि कैश कहां से आ रहा है।
- एंड यूज का प्रूफ - पैसा जहां भेजा जा रहा है, उसका प्रमाण ताकि ये साबित हो सके कि ये कैश किसे दिया जाएगा।
प्रिंट लाईन पर प्रिटिंग प्रेस का पता प्रदर्शित न करने पर होगी सजा
चुनाव प्रचार से संबंधित पेम्प्लेट व पोस्टर इत्यादि प्रचार सामग्री पर प्रिंटिंग प्रेस का नाम एवं मोबाइल व टेलीफोन नम्बर सहित सम्पूर्ण पता प्रिंट लाईन में प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। जो प्रिटिंग प्रेस ऐसा नहीं करेंगी उन प्रिटिंग प्रेस मालिक को 6 माह की सजा होने के साथ ही अर्थदण्ड भी भुगतना होगा।
यह बात अपर जिला दण्डाधिकारी टी.एन.सिंह ने मंगलवार को आयोजित हुई प्रिंटिंग प्रेस संचालकों की बैठक में कही। एडीएम श्री सिंह ने प्रिटिंग प्रेस संचालकों को स्पष्ट किया कि चुनाव प्रचार संबंधी पर्चे, पोस्टर, बैनर इत्यादि की प्रिंट लाईन में मुद्रक और प्रकाशक के नाम अनिवार्यत: स्पष्ट रूप में दर्शाए जाएं। साथ ही मुद्रित मटेरियल की संख्या भी प्रदर्शित करें। इस प्रकार मुद्रित की गई सामग्री की चार प्रतियां और प्रकाशक के घोषणा पत्र की एक प्रति मुद्रण के तीन दिवस के अंदर जिला निर्वाचन कार्यालय को निर्धारित प्रपत्र में अनिवार्यत: प्रस्तुत करनी होगी। साथ ही यह भी बताना होगा कि मुद्रित किए गए पेम्प्लेट, बैनर व पोस्टर इत्यादि की संख्या क्या है। उन्होंने चेतावनी भी दी कि किसी अभ्यर्थी के पक्ष में उसका कोई समर्थक यदि पेम्प्लेट, बैनर व पोस्टर इत्यादि प्रकाशित कराना चाहता है तो भी अभ्यर्थी की लिखित में सहमति अनिवार्यत: ली जाए। अगर ऐसा नहीं किया तो संबंधित प्रिंटिंग प्रेस संचालक जवाबदेह होंगे और उनके खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।