हमें ऐसा पार्षद नहीं चाहिए जो एक बार जीत जाने के बाद वार्ड में मुंह ही न दिखाए

हमें ऐसा पार्षद नहीं चाहिए जो एक बार जीत जाने के बाद वार्ड में मुंह ही न दिखाए
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हर नागरिक के बारे में सोचे ऐसे पार्षद को चुनेंगे

ग्वालियर,न.सं.। लगभग सात साल बाद फिर शहरवासियों को मौका मिला है कि वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपने वार्ड की किस्मत संवार सकते हैं। अपने अनुसार फिर से वार्ड पार्षद चुन सकते हैं। नगर निगम चुनाव की घोषणा भले ही न हुई हो। लेकिन सभी वार्ड से कद्दावर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। वहीं कई लोग टिकट के लिए अभी से पार्टी के कार्यालयों के चक्कर भी लगा रहे हैं। वे इस फिराक में लगे हैं कि किसी तरह से टिकट मिल जाए।

मंगलवार को स्वदेश संवाददाता ने वार्ड 18 के लोगों के बीच जाकर समस्याओं को जाना-

वोटरों का मानना है कि हमारा वार्ड पार्षद ऐसा हो जो वार्ड के बेहतरी के लिए काम करे। वार्ड के समस्याओं को समझे और साथ ही नागरिकों के लिए काम करे। ऐसा नहीं हो कि एक बार जीत जाने के बाद फिर वार्ड में मुंह ही न दिखाए। हमलोगों को ऐसे सदस्य की जरूरत नहीं है।वार्ड के लोगों का कहना था कि वे ऐसी प्रत्याशी को चुनेंगे, जो फैसले ले सके। अपने पति, भाई और बच्चों से ऊपर उठकर हर नागरिक के बारे में सोचे। क्षेत्र के विकास के लिए मुद्दे उठा सके। हर वर्ग के लोगों के साथ सीधा संपर्क कर सके। किसी की कठपुतली नहीं बने। शिक्षित हो, बेबाक हो, कर्मठ हो, निर्णायक हो...। सुस्त एवं जनता की अपेक्षाओं की अनदेखी करने वाले पार्षदों से पिंड छुड़ाने के लिए जनता भी आतुर है।

सडक़ों की हालत सबसे ज्यादा खराब

वार्ड 18 के दीनदयाल नगर से महाराजा कॉम्प्लेक्स व सिंधिया स्टैच्यू की मार्ग की बात करें तो यहां सडक़ की हालत सबसे ज्यादा खराब है। इस वार्ड में बने पार्को में गंदगी के सबसे ज्यादा ढेर लगे हुए है। वार्ड के लोगों का कहना है कि आबादी 60 हजार के आस-पास है। ऐसे में इस वार्ड का परिसीमन दुबारा होना चाहिए।

वार्ड 18 के लोगों ने कुछ इस तरह के दिए सुझाव

  • -प्रत्याशी को साफ-सफाई, सौंदर्यीकरण, जलापूर्ति, सीवरेज, ड्रेनेज, ठोस कचरा प्रबंधन जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर की जानकारी होना बेहद जरूरी है।
  • -हर मोहल्ले में निगरानी की सीधी व्यवस्था बने। हर महीने पार्षद क्षेत्र भ्रमण पर निकलें।
  • -उम्मीदवारों की योग्यता तय हो। कुख्यात पहचान रखने वालों से बचें।
  • -एयरपोर्ट और मॉल के तर्ज पर शौचालय बने। पेड सर्विस के साथ-साथ केयरटेकर भी रखे जाएं।
  • -हर वार्ड में शिकायत पेटी हो। इसकी निगरानी निरंतर पार्षदों द्वारा की जाए।

दीनदयाल नगर को पार्क दिया

वार्ड 18 के पूर्व पार्षद जवर सिंह बताया कि दीनदयाल नगर को सबसे बड़े पार्क की सौगात दी। आदित्यपुरम प्रथम ब्लॉक में सीसी रोड, सीवर लाइन एफ ब्लॉक, आदर्श नगर में सीवर लाइन का कार्य करया। उन्होंने बताया कि यह सभी कार्य पार्षद निधि से पूरे कराए गए है। सडक़ों की हालत सीवर लाइन के कारण ठीक नहीं है। दो वर्ष पहले परिषद का कार्यकाल पूरा हो गया। जिसके चलते वार्ड में कई काम लटके हुए है।

इनका कहना है -

महाराजा कॉम्प्लेक्स मार्ग की हालत सबसे ज्यादा खराब है। जो पार्क बने भी हुए है वह गंदगी में ढेर में तब्दील हो गए है। शताब्दीपुरम की रोड भी पूरी तरह से खराब है। वार्ड को स्वच्छ रखने के लिए जगह-जगह यूरिनल की जरूरत है। वैसे प्रत्याशी को चुनें, जो साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दे। ऐसा होगा, तभी ग्वालियर बेहतर शहर बन पाएगा।

रामराज सिंह राजावत

श्ताब्दीपुरम

वार्ड में सडक़, पानी, बिजली की समस्या सबसे ज्यादा खराब है। मैंने जब चुनाव हारा तो उसके बाद से पार्षद द्वारा मेरे क्षेत्र में कोई भी काम नहीं किए गए। आज भी ए सेक्टर माता मंदिर के पास सडक़ खुदी पड़ी है। सीवर उफन रहे है, लेकिन आज तक हमारे यहां पार्षद झांकने तक नहीं आए।

हितेन्द्र यादव

एक ब्लॉक दीनदयाल नगर

आदित्यपुरम, शताब्दीपुरम में पानी की लाइने फूटी पड़ी है। सडक़ो की हालत यह है कि अगर गलती से कोई तेजी से वाहन लेकर निकले तो दुर्घटना होना तय है।हम ऐसे उम्मीदवार को जीतते देखना चाहते हैं, जिनसे हम अपनी बात कह सकें। जो भी वार्ड का पार्षद बने, उसकी प्राथमिकता सफाई और कचरे का सही प्रबंधन होना चाहिए।

राघवेन्द्र तोमर

महाराज कॉम्प्लेक्स

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