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Gwalior Zoo: ग्वालियर चिड़ियाघर में बाघिन ने तीन शावकों को दिया जन्म, जानिए कैसा है शावकों का हाल

चिड़ियाघर प्रभारी उपेंद्र यादव ने बताया कि बाघिन और शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं। इन शावकों का जन्म शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात को हुआ।

Gwalior Zoo: ग्वालियर चिड़ियाघर में बाघिन ने तीन शावकों को दिया जन्म, जानिए कैसा है शावकों का हाल
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Gwalior Zoo:ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के गांधी प्राणी उद्यान (ग्वालियर चिड़ियाघर) में एक बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। इन शावकों में से दो पीले बाघ और एक सफेद बाघ है। बाघिन और शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं। इन शावकों का जन्म शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात को हुआ।

चिड़ियाघर प्रभारी उपेंद्र यादव ने बताया कि बाघिन और शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं। इन शावकों का जन्म शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात को हुआ। यादव ने एएनआई से कहा, "यह बहुत खुशी की बात है कि ग्वालियर चिड़ियाघर में बाघिन दुर्गा ने तीन शावकों को जन्म दिया है, जिसमें दो पीले और एक सफेद शावक शामिल हैं। उन्हें अभी आइसोलेशन में रखा गया है और 20 दिनों के बाद उन्हें आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।" केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की गाइडलाइन का पूरा पालन किया जा रहा है। ये बाघ सुल्तान और बाघिन दुर्गा के बच्चे हैं। चिड़ियाघर प्रभारी ने बताया कि सुल्तान और दुर्गा दोनों का जन्म भी यहीं हुआ था।

उन्होंने आगे बताया, "हम बाघिन को उचित आहार उपलब्ध करा रहे हैं। सुबह सूप दिया जाएगा। दिन में चिकन, दूध और भैंस का मांस दिया जाएगा। शावकों का जन्म शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात को हुआ है। आमतौर पर एक शावक और दूसरे शावक के जन्म के बीच समय लगता है। कभी-कभी दो घंटे का अंतराल होता है। तीनों शावकों का जन्म शनिवार सुबह 7 बजे हुआ।" उन्होंने बताया कि इसके साथ ही जिले के गांधी प्राणी उद्यान में बाघों की संख्या बढ़कर अब नौ हो गई है।

गौरतलब है कि ग्वालियर चिड़ियाघर की स्थापना 1922 में माधव राव सिंधिया के राजघराने ने की थी। गांधी चिड़ियाघर दरअसल फूल बाग नामक एक बड़े उद्यान का एक हिस्सा है, जिसमें जानवरों की कई दुर्लभ प्रजातियां हैं। ग्वालियर चिड़ियाघर परिवार के साथ घूमने के लिए एक सुखद जगह है, खासकर बच्चों के लिए। यह उन उत्साही लोगों के लिए भी एक आकर्षक स्थल है जो शहर में वन्यजीवों को देखना चाहते हैं, जिनमें सफेद बाघ जैसी दुर्लभ और संरक्षित प्रजातियां भी शामिल हैं।

Updated : 29 Jun 2024 4:19 PM GMT
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Anurag Dubey

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