ग्वालियर सेन्ट्रल जेल से हुई कुल 22 कैदियों की रिहाई
जेल से रिहा हुए कैदी
ग्वालियर। ग्वालियर शहर में आज अम्बेडकर जयंती के मौके पर सेन्ट्रल जेल प्रशासन के द्वारा आजीवन सजा काट रहे कैदियों को रिहा किया है। कैदियों को जेल प्रशासन ने उपहार देकर एवं उनकी सजा के दौरान किये गए काम का मेहनताना देकर सेन्ट्रल जेल से रिहा किया गया। जेल से रिहा होते ही कैदियों के चेहरे पर एक अलग ही ख़ुशी दिखाई दी। जेल प्रशासन के द्वारा अपने अच्छे चाल-चलन को लेकर कैदियों को साल में अधिकतम 4 बार रिहा किया जाता है।
मध्यप्रदेश में आज भारतीय संविधान के निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर कुल 154 कैदियों को रिहा किया गया। जिनमे 14 साल या आजीवन की सजा काट रहे कैदियों को अपने अछ्छे चाल चलन के चलते कुल 149 पुरुष एवं 5 महिलाओं भविष्य में कभी भी दोबारा गलती न करने की प्रतिज्ञा दिलाकर रिहा किया गया है। बता दें की आज ग्वालियर शहर में भी हत्या के आरोप में आजीवन या 14 से लेकर 20 साल तक की सजा काट रहे कुल 22 कैदियों को रिहा किया गया है। जेल प्रशासन के द्वारा इन्हें जेल के भीतर बिताए गए दिनों के दौरान विभिन्न कार्यों से अर्जित उनके पारिश्रमिक को भी प्रदान किया है। जिससे वे कोई छोटा मोटा काम कर अपना जीवन यापन कर सकें। ज्यादातर कैदियों ने अपनी रिहाई पर खुशी जाहिर की है और कहा है कि वह अब समाज की मुख्यधारा में आकर लोगों की भलाई के लिए काम करेंगे और अपने परिवार का भरण पोषण कर उनके सात शांति से अपना जीवन यापन करेंगे। हत्या के आप में सजा काट चुके कैदियों ने बाबा भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा को माल्यार्पण कर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की, एवं जेल से बाहर आए कैदियों से चर्चा करने पर उन्होंने बताया की उन्हें अपने द्वारा किये गए अपराध का अफ़सोस है एवं जो गलती उनसे हुई थी उसे जीवन में दोबारा कभी न दोहराते हुए आमजनों से भी ऐसी गलती न करने की।