भिंड रेलवे स्टेशन पर टॉवर वैगन साइडिंग की शुरुआत, रेलवे इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग टेक्नोलॉजी से ट्रेनों की सुरक्षा होगी सुनिश्चित

भिंड रेलवे स्टेशन पर टॉवर वैगन साइडिंग की शुरुआत, रेलवे इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग टेक्नोलॉजी से ट्रेनों की सुरक्षा होगी सुनिश्चित
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रेलवे इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (Railway Electronic Interlocking) एक ऐसे टेक्नोलॉजी है जो सिस्टम रेलवे लाइनों पर सुरक्षित और अवरुद्ध चल रही ट्रेनों के बीच सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करती है।

ग्वालियर। ट्रेनों में आगजनी, ट्रेन टकराने और पटरी से उतरने जैसी घटना लगातार हो रही है इसको देखते हुए। भिंड रेलवे लाइन को इलेक्ट्रीकल किए जाने के बाद अब ट्रेन के ट्र्रैक परिवर्तन को लेकर इंटर लॉकिंग सिस्टम में मेजर परिवर्तन कर लिया गया है। अब सिग्नल दिए जाने के लिए स्टेशन पर टॉवर वैगन साइडिंग की शुरुआत हो चुकी है। इस सिस्टम को पूरा किए जाने के बाद ट्रे्न के रूट परिवर्तन में सहूलियत रहेगी। रेलवे इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग टेक्नोलॉजी यह एक सुरक्षा प्रणाली है जो ट्रेनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सिग्नल और स्विच के बीच ऑपरेटिंग सिस्टम को कण्ट्रोल करती है।

क्या होगा इलेक्ट्रॉनिंग इंटर लॉकिंग से फायदा-

रेलवे इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (Railway Electronic Interlocking) एक ऐसे टेक्नोलॉजी है जो सिस्टम रेलवे लाइनों पर सुरक्षित और अवरुद्ध चल रही ट्रेनों के बीच सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करती है। इसकी मदद से रेल यार्ड के कामों को इस तरह से कंट्रोल किया जाता है जो नियंत्रित क्षेत्र के माध्यम से ट्रेन का सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करे। रेलवे सिग्नलिंग अन-इंटरलॉक्ड सिग्नलिंग सिस्टम, मैकेनिकल और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल इंटरलॉकिंग से लेकर अब तक के मॉर्डन हाई टेक सिग्नलिंग तक एक लंबा सफर तय कर चुका है.इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (EI) एक ऐसी सिग्नलिंग व्यवस्था है जिसके इलेक्ट्रो-मैकेनिकल या पहले से इस्तेमाल हो रहे पैनल इंटरलॉकिंग के कई फायदे हैं.

इस सिस्टम ऑपरेट में रहेगी सहूलियत-

इससे पहले रेलवे सिग्नलिंग और इंटरलॉकिंग में मैकेनिकल तत्वों का उपयोग किया जाता था, जैसे कि रेलवे स्विच, लॉक और सिग्नल मेकेनिज्म. रेलवे इसके बदले में, रेलवे इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग कंप्यूटर सॉफ्टवेयर आधारित सिस्टम का इस्तेमाल करती है. जिसमें ऑपरेशनल कमांड, स्विच और सिग्नल स्थितियों को ऑपरेट करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक निर्देश दिए जाते हैं. इस सिस्टम में लोगों की गलतियों (human errors) की बहुत कम गुंजाइश होती है, इसे ट्रेनों को संचालन को सुरक्षित ढंग से कंट्रोल करने के लिए बनाया गया है. रेलवे इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के इस्तेमाल से रेलवे सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं और ट्रेनों के संचालन में अधिक सुविधा हुई है। इस सिस्टम से घटना होने से रोका जा सकेगा।

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