लोकार्पण से पहले ही गिरने लगी टाउन हॉल की सीलिंग

लोकार्पण से पहले ही गिरने लगी टाउन हॉल की सीलिंग
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70 लाख खर्च कर चुका नगर निगम, स्मार्ट सिटी ने भी लगाए 80 लाख

ग्वालियर, न.सं.। शहर के हृदय स्थल महाराज बाड़ पर स्थित टाउन हॉल पर नगर निगम और स्मार्ट सिटी द्वारा उसके कायाकल्प पर एक करोड़ से भी अधिक रुपए खर्च किए जा चुके है। उसका लोकार्पण का सभी को इंतजार है। किंतु इसके पहले ही बारिश में उसकी छत न सिर्फ पानी टपकने लगा है। जबकि सीलिंग भी जगह-जगह से उखड़ नीचे गिर गई है। पांच जुलाई से टाउन हॉल के प्रबंधक ने बाकायदा पत्र लिखकर यहां का चार्ज वापस लौटा दिया है। फिर भी जिम्मेदार अधिकारियों ने यहां किसी नए प्रबंधक की तैनाती नहीं की है।

रियासत काल में राजा महाराजाओं और आमजन के मनोरंजन का स्थल नाटक घर और आजादी के बाद बनी रीगल टॉकीज आज महाराज बाड़े पर टाउन हाल के रूप में खड़ी है। शहर के हृदय स्थल महाराज बाड़े पर शान से खड़ी यह इमारत अब टाउन हॉल के रूप में जानी जाती है। पहले इसे आकर्षण रूप देने के लिए वर्ष 2012 में नगर निगम ने इसके कायाकल्प करने का जिम्मा उठाया था। इसमें आकर्षक कुर्सियां, एयर कंडीशन और विद्युत पर नगर निगम ने 70 लाख रुपए खर्च किए थे। वर्ष 2018 में इस इमारत को हैरिटेज में शामिल किए जाने के बाद नगर निगम ने इसे स्मार्ट सिटी कारपोरेशन के हवाले कर दिया है। जिसमें स्मार्ट सिटी द्वारा 80 लाख रुपए की राशि से इसका कायाकल्प किया जा रहा है। विरासत में मिली इस इमारत का लोकार्पण होने से पहले ही टाउन हॉल की सीलिंग नीचे टपकने लगी है। इससे स्मार्ट सिटी के कार्यों की गुणवत्ता पर उंगलियां उठने लगी हैं।

कई अधिकारी कर चुके हैं टाउन हॉल का निरीक्षण

स्मार्ट सिटी द्वारा टाउन हॉल में किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण करने के लिए जिलाधीश के अलावा खुद स्मार्ट सिटी की मुख्य कार्यपालन अधिकारी जयति सिंह ने भी निरीक्षण किया। लेकिन वहां जो कार्य किए जा रहे हंै, उसकी गुणवत्ता पर किसी भी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया। जिसके चलते लोकार्पण से पहले ही स्मार्ट सिटी द्वारा किए जा कार्यों की पोल खुलने लगी है।

टाउन हॉल का इतिहास

-रियासत काल में इमारत के निर्माण का काम 1904-05 में शुरू हुआ था, जो 1909-10 में पूरा हुआ। जिस पर 55,580 रुपए लागत आई।

-वर्ष 1930-31 में इसे केवल 665 रुपए मासिक किराए पर इंडियन पिक्चर हाउस को दे दिया गया।

-टाउन हॉल को लंदन के ओपेरा हाउस जैसा आकर्षण देने के लिए नगर निगम प्रशासन ने 2010 में नई योजना बनाई जिसके लिए डेढ़ करोड़ रुपए का बजट रखा गया।

-महात्मा गांधी के निधन के बाद उनके अस्थि कलशों को आम जनता के दर्शनार्थ रखा गया।

-छोटे मंच के कलाकार रहे पृथ्वीराज कपूर भी यहां आ चुके हैं।

-स्मार्ट सिटी ने कायाकल्प के लिए 80 लाख रुपए खर्च किए।

इनका कहना है

टाउन हॉल में संधारण कार्य अंतिम चरणों में चल रहा है। सीलिंग अगर गिरी है तो इसे दिखवाया जाएगा।

अंकित शर्मा, कार्यपालन यंत्री, स्मार्ट सिटी ग्वालियर

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