किसी भी समय कहीं के लिए भी चल सकती है ट्रेन

किसी भी समय कहीं के लिए भी चल सकती है ट्रेन
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ग्वालियर, न.सं.। अनलॉक-5 के बाद केंद्र सरकार धीरे-धीरे व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए नित नए बदलाव कर रही है। इसी के तहत रेलवे द्वारा भी ट्रेनों का संचालन बढ़ाया जा रहा है। लेकिन न तो रेलवे नियमित ट्रेनों का संचालन पुन: सुचारू कर रहा है और न ही ट्रेनों को मांग के अनुसार योजनाबद्ध तरीके से संचालित कर पा रहा है।

रेलवे ने अचानक दो अक्टूबर को आगरा से अहमदाबाद और तीन अक्टूबर को ग्वालियर से अहमदाबाद ट्रेनों को चलाने का निर्णय लिया। ये दोनों साप्ताहिक ट्रेनें हैं, जो जयपुर से होकर गुजरेंगी। इन ट्रेनों में एक अक्टूबर को ही आरक्षण भी शुरू भी कर दिया और 2 अक्टूबर को ट्रेन का संचालन शुरू कर दिया। यानी पूर्व में इन ट्रेनों के संचालन की कोई योजना नहीं थी। अचानक ट्रेनों को संचालित किया गया जिसकी सूचना उत्तर मध्य रेलवे ने 30 सितम्बर को देर शाम जारी की। ट्रेन के नोटिफिकेशन जारी होने के 24 घंटे के भीतर ट्रेन में एसी और स्लीपर में वेटिंग आ गई। यानी दलालों ने आरक्षण खुलते ही, ट्रेन में टिकट बुक कर लिए। ऐसे में सूत्रों की मानें तो इन सीटों को दलालों ने नेटवर्क के जरिए जरूरतमंदों को अधिक दामों पर बेच दिए।

जिनकी मांग वह ट्रेनें अभी खड़ी हैं यार्ड में

रेलवे कोरोना के नाम पर ट्रेनों का संचालन अपने हिसाब से कर रहा है। औपचारिकता के लिए संबंधित जोनल रेलवे से ट्रेनों का प्रस्ताव मांगा जाता है, लेकिन ट्रेनों के संचालन को बोर्ड स्वीकृति देता है। ऐसे में ग्वालियर से जुड़ी बरौनी मेल, भोपाल इंटरसिटी के साथ ग्वालियर-पुणे एक्सप्रेस ट्रेनों को बोर्ड की स्वीकृति का इंतजार है। जबकि इन ट्रेनों के संचालन से लोगों को वास्तविक राहत मिल सकेगी।

इंदौर से शुरू हो सकती है मालवा एक्सप्रेस

इंदौर से चार और ट्रेनें शुरू होने की उम्मीद जागी है। इनमें इंदौर-मुंबई अवंतिका एक्सप्रेस, महू-इंदौर-कटरा मालवा एक्सप्रेस, इंदौर-पुणे एक्सप्रेस और महू-इंदौर-कामाख्या ट्रेन शामिल हैं। पश्चिम रेलवे ने चारों ट्रेन चलाने के प्रस्ताव औपचारिक मंजूरी के लिए रेलवे बोर्ड के पास भेजे हैं। वहां से ट्रेन चलाने की मंजूरी मिल गई तो इसी महीने से यात्रियों को सुविधा मिल सकती है। सभी ट्रेन नियमित ट्रेनों के टाइम टेबल के अनुसार ही चलेंगी, लेकिन उनका दर्जा स्पेशल ट्रेन का होगा।

इनका कहना है

ट्रेनों का संचालन बोर्ड और मुख्यालय के निर्णय पर किया जा रहा है। अन्य ट्रेनों के बारे में भी बोर्ड ही निर्णय लेगा।

मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, झांसी रेलवे मंडल

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