चंबल की भिंड, अटेर और लहार मे त्रिकोणिय स्थिति, गोहद और मेहगाव मे आमने -सामने
ग्वालियर। चंबल अंचल के भिंड जिले की पाच विधान सभाओ मे तीन पर भाजपा के बागी नेता हाथी पर सवार होकर भाजपा के अस्तित्व को चुनोति दे रहे है वही दो सीट पर भाजपा के दो दिग्गज चुनाव मेदान मे है जबकि काँग्रेस ने नए उम्मीदवारों को चुनाव मेदान मे उतारा है गोहद से भाजपा अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रिय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य व काँग्रेस से जिला पंचायत के सदश्य केशव देशाई चुनाव मेदान मे उतरे है, मेहगाव से भाजपा के दो बार के विधायक जमीनी नेता राकेश शुक्ल मेदान मे है तो उनके मुकावले मे काँग्रेस के युवा नेता राहुल भदोंरिया चुनाव मेदान मे हैजबकि लहार ,भिंड और अटेर मे काँग्रेस ने राजनीति के अनुभवी नेताओ को उतारा है वर्तमान मे भिंड जिले चुनाव रोचक होने के साथ तीन विधान सभाओ मे त्रिकोणीय व दो मे फिलहाल आमने सामने की स्थिति मे नजर आ रहा है
लहार विधान सभा
चंबल अंचल मे काँग्रेस के अभेद दुर्ग माने जाने वाली लहार विधान सभा से काँग्रेस के टिकिट पर सातवी वार नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह चुनाव मेदान मे है तो इस बार भारतीय जनता पार्टी ने युवा नेता अंबरीष शर्मा को दूसरी बार टिकिट दिया है इससे पहले 2003 मे भाजपा के टिकिट पर चुनाव लड़े थे 2023 मे फिर भाजपा व काँग्रेस के उम्मीदवार 2003 वाले ही है लेकिन बसपा से भाजप के बागी रसाल सिंह चुनाव मेदान मे है, रसाल सिंह प्रदेश के सबसे बरिष्ठ पूर्व विधायक है जो 87 बर्ष की आयु मे चुनावी अखाड़े मे जोड़ भर रहे है, लहार विधान सभा के तीनों ही प्रमुख राजनीतिक दलो के उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर चुनाव प्रचार मे जुट गए है, भाजपा प्रत्यासी अंबरीष शर्मा के चुनाव कार्यालय उदघाटन करने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुचे थे जबकि नामांकन दाखिल प्रदेश अध्यक्ष व्ही डी शर्मा की मौजूदगी मे हुआ , वही काँग्रेस व बसपा का अभी तक उनके दल का वरिष्ठ नेता लहार नही पहुचाहै फिलहाल की परिस्थिति मे भाजपा ,काँग्रेस व बसपा मे त्रिकोणीय मुकावला नजर आ रहा है
भिंड विधान सभा
राजनीति मे अभी तक किसी दल या नेता का गढ़ नही रही भिंड विधान सभा मे एक बात जरूर है इस विधान सभा मे 1990 से अब तक तेतीश साल मे कोई नया नेतृत्व सक्रिय नही हुआ है 1990 से जिन तीन नेताओ के बीच ही मुकावला होता आ रहा है,वे है चो राकेश सिंह , नरेंद्र कुशवाह व डॉ रामलखन और अब उनके पुत्र संजीव सिंह उनके स्थान पर है 1990 मे चो राकेश सिंह काँग्रेस से चुनाव जीते तो डॉ रामलखन व नरेंद्र सिंह कुशवाह पराजित उम्मीदवार थे ,1993 मे डॉ रामलखन चुनाव जीते और चो राकेश निकटतम प्रतिद्वंदी रहे, 1996 उप चुनाव मे फिर चो राकेश सिंह चुन गए, 1998 मे चो राकेश चुनाव जीते और नरेंद्र कुशवाह ने अच्छी टक्कर दी पर हार गए ,2003 मे नरेंद्र सिंह कुशवाह ने चो राकेश सिंह को पटंगी दी, 2008 मे चो राकेश जीते और डॉ राम लखन सिंह व नरेंद्र सिंह कुशवाह पराजित हुये, 2013 मे डॉ रामलखन सिंह के पुत्र संजीव सिंह हाथी पर सबार हुये लेकिन भाजपा के नरेंद्र सिंह चुनाव जीते फिर 2018 मे इन तीनों के वीच हुये मुकावले मे भिंड मे पहली वार हाथी को फतह मिली और संजीव सिंह विधायक चुने गए,अब 2023 मे फिर दलवदल के साथ तीनों के वीच मुकावला है स्थिति त्रिकोणीय बन सकती है
अटेर विधान सभा
चंबल अंचल की अटेर विधान सभा सीट भी अति महत्व पूर्ण सीट है यहा से भाजपा के दिग्गजों मे गिने जाने वाले सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद सिंह भदोरिया पाचवी वार भाजपा के उम्मीदवार है उन्होने पहला चुनाव 2008 मे भाजपा के टिकिट पर लड़ा था और काँग्रेस के तेज तर्रार नेता सत्यदेव कटारे को पराजित किया था लेकिन 2013 मे हार गए,स्वास्थ्य खराव के चलते सत्यदेव कटारे के निधन होने से 2017 मे उपचुनाव हुआ जिसमे उनके पुत्र हेमंत कटारे जीते लेकिन 2018 मे हार गए अब 2023 के चुनाव मे काँग्रेस से हेमंत कटारे व भाजपा से सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद भदोरिया चुनाव मेदान मे है लेकिन इस बार भाजपा के लिए उसकी ही बगावत समीकरण विगाड़ सकती है इस बार अटेर से दो बार के विधायक मुन्ना सिंह भदोरिया भी साइकिल पर सवार होकर कमल और पंजे को टक्कर देने के लिए मेदान मे आ गए है इस बार अटेर का चुनाव भी रोचक हो गया है यहा भी त्रिकोणीय स्थिति बन सकती है यहा भाजपा प्रत्यासी के चुनाव कार्यालय का उदघाटन करने केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर और काँग्रेस प्रत्यासी के समर्थन मे सज्जन सिंह बर्मा आ चुके है