भाजपा-कांग्रेस में ट्वीट वार से गरमाई राजनीति, बालेंदु के ट्वीट पर उदयभान का जवाब
ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि । भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया द्वारा शुरू किए गए ट्विट हमले के बाद कांग्रेस में खलबली मच गई है। उनके द्वारा सीधे कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी पर तंज कसे जाने के बाद हाल ही में भाजपा से कांग्रेस में आए पूर्व मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष बालेंदु शुक्ल एवं एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी केके मिश्रा सामने आए हैं। इस ट्विट वार से ऐसा लग रहा है कि उपचुनाव के पहले ही यह नेता एक दूसरे पर खार निकाल रहे हैं।
इंतजार है जनता के एनकाउंटर का इसके साथ ही कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता केके मिश्रा भी इस ट्वीट युद्ध में कूद पड़े हैं। उन्होंने श्री पवैया पर पलटवार करते हुए लिखा है कि पवैया जी, साधुवाद भारतीय पारिवारिक राजनीतिक व्यवस्थाओं में शाम्य है मां का एक बेटा श्रवण कुमार तो दूसरा विकास दुबे है। मां ने दूसरे के एनकाउंटर के बाद अंत्येष्टि से भी दूरी बना ली थी। कांग्रेस की मां भी सपूत कपूत के अंतर को समझ चुकी है, इंतजार है जनता द्वारा किए जाने वाले एनकाउंटर का। दरअसल श्री पवैया ने मंगलवार को अपने ट्वीट में सोनिया गांधी पर यह कहकर हमला बोला था कि कांग्रेस की राजमाता अपने कुनबे को संभालिए न, आखिर आपकी रूठी हुई राजनीतिक संतानों को हम अपनो के हिस्से का कितना प्यार लुटाते रहेंगे? श्री पवैया के ट्विट के कई मायने निकाले गए। इसके बाद कांग्रेस नेताओं के ट्विट आए हैं।
पुराने बजरंगी आपने वरिष्ठ और प्यारों का सिर काट दिया
श्री शुक्ल ने श्री पवैया पर तंज कसते हुए कहा है कि पुराने बजरंगी आप दबते हुए भाजपाइयों को संभालो, आपने रूठे हुए कांग्रेसियों को सिर पर बैठा लिया है। मंत्रिमंडल में इतने सारे सुयोग्य को जड़ दिया और आपने वरिष्ठ तथा प्यारों का सर काट दिया। जब ये रुठे हुए आए सबको चुनावी टिकट बांट दिया। रूठों को मंत्रिमंडल में लाने मुख्यमंत्री को बार-बार दिल्ली दौरा करना पड़ा। मेरे शाबाश भतीजे ने इतने विशाल दल को कुछ माह में ही घुटने पर बैठा दिया। कितना अच्छा लगेगा जब बजरंगी गली-गली मोहल्ले-मोहल्ले प्रद्युम्न सिंह तोमर जिंदाबाद के नारे लगाएगा। उनकी प्रसिद्धि में उद्बोधन देगा और जयकारा लगाकर मेरे भतीजे के प्रति सिर नहीं कमर झुकाकर भाषण समाप्त करेगा।
पवैया के लोटे की तली बहुत मजबूत है
श्री बालेंद्र शुक्ला के ट्वीट के जवाब में अब श्री पवैया के छोटे भाई गिर्द विधानसभा में आंतरी भाजपा के पूर्व अध्यक्ष उदयभान सिंह पवैया भी सामने आ गए हैं। उन्होंने श्री शुक्ल को आड़े हाथों लेते हुए लिखा है कि आदरणीय बालेन्दु शुक्ला जी आपकी पीड़ा हम समझ सकते हैं..। आपके पास कमर झुकाने का बहुत लंबा अनुभव है। आपके जीवन का एक बड़ा हिस्सा दरबारों के समक्ष कमर झुकाने में ही तो खर्च हुआ है। उसी के फलस्वरूप आप कॉपरेटिव बैंक के एक जिला प्रबन्धक के पद से प्रदेश सरकार में मंत्री पद तक पहुंच गए। कमर नहीं झुकाने वालों को कुचलना भी आपने उन्हीं दरबारों में सीखा होगा। आपको पनिहार के स्वाभिमानी नेता ठाकुर कप्तान सिंह जी सोलंकी तो याद होंगे न, अगर याद न हों तो आपको याद करा सकता हूँ ..! परन्तु आपके सम्मान का ध्यान रखते हुए ज्यादा गहराई में नहीं जाना चाहूंगा।
आप उस समय कांग्रेस सरकार में मंत्री थे और मैं गिर्द विधानसभा के आंतरी मंडल का भाजपा अध्यक्ष था, आप गिर्द के दौरे पर थे, पनिहार की उस दुर्भाग्यशाली घटना के विरोध में पूरे आठ घंटे तक आपको चीनौर में नहीं घुसने दिया हमने। घरसौन्धी के एक घर में जाम के सहारे बिताए थे आपने पूरे आठ घंटे। कमर झुकाना हमारे रक्त में होता तो एक दरबार के दरबारी के आगे हम भी औरों की तरह झुक गए होते। रही बात मेरे अग्रज आदरणीय श्री जयभान सिंह जी पवैया की तो ध्यान से सुनें महाराणा प्रताप को अपना आदर्श मानने वाला घास की रोटी खाना स्वीकार कर सकता है, परन्तु अपना मष्तक और अपनी कमर किसी अकबर के समक्ष नहीं झुका सकता। पवैया की कमर पहले भी कडक़ थी, आज भी कडक़ है और आगे भी कडक़ रहेगी। पवैया के लोटे की तरी बहुत मजबूत है, आपके लोटे की तरह वेपेंदी का तो कतई नहीं। मैं समझता हूँ मर्यादा पूर्ण इन शब्दों के द्वारा आपकी बात का जवाब मिल गया होगा ...।