कोरोना के चलते सादगी से होगा इस बार वीरांगना मेला, पवैया करेंगे श्रद्धांजलि उपवास
ग्वालियर। शहर में पिछले 20 साल से महारानी लक्ष्मीबाई की समाधी पर पर 18 जून को उनकी जयंती के उपलक्ष्य में वीरांगना मेला का आयोजन हो रहा है। इस साल कोविड 19 के चलते आयोजन बेहद सादा स्तर पर कोरोना संक्रमण के लिए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार ही किया जायेगा। मेले के संस्थापक अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने यह जानकारी दी।
पूर्व मंत्री ने बताया की कोरोना संकट के चलते शासन से लम्बी चर्चा के बाद 17-18 जून को होने वाले वीरांगना सम्मान, सांस्कृतिक मंचन और अखिल भारतीय कवि सम्मेलन जैसे कार्यक्रमों को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा की कोई कार्यक्रम ऐसा नहीं है जो आमजनों के बीच किये जा सके। पूर्व मंत्री पवैया ने कहा की इस साल 17 जून की सायं 6 बजे बुंदेलखंडी युवा झाँसी दुर्ग से रानी की पुण्य आत्मा के रूप में शहीद ज्योति लेकर ग्वालियर पहुंचेंगे । जिसे चुनिंदा प्रतिनिधि पड़ाव चौराहे से पैदल चलकर समाधि पर स्थापित करेंगे। उसके बाद सायं 6 :30 से 7:30 तक हुतात्माओं की स्मृति में दीपदान किया जायेगा।
इसके बाद 18 जून की सुबह 8 बजे पुष्पांजलि अर्पित करने के पश्चात बलिदान मेला के संस्थापक अध्यक्ष जयभान सिंह पवैया 20 प्रतिष्ठित नागरिकों के साथ प्रातः 8 से 12 बजे तक वीरांगना को भाव सुमन अर्पित करने श्रद्धांजलि उपवास पर बैठेंगे । इसके बाद शाम 8 बजे सांस्कृतिक झांकियों की जायेगी। साथ ही ओजस्वी कवि विनीत चौहान फ़ेसबुक पर "लाइव" काव्यपाठ करेंगे। इस मौके पर 20 वर्षों से आयोजित होने वाले ऐतिहासिक समारोह पर आधारित आधारित डॉक्युमेंट्री का प्रदर्शन भी किया जायेगा
पूर्व मंत्री पवैया ने नागरिकों से अपील की है कि समाधि पर श्रद्धांजलि के समय उतना ही नियम पालन और अनुशासन रखें जितना कोरोना के समय मंदिरों में हम पालन करते हैं । कोई भी नागरिक बिना मास्क लगाये न आयें।