धुंध के कारण दृश्यता कम रही, रात की केरला एक्सप्रेस सुबह आई
ग्वालियर,न.सं.। उत्तर भारत में छाए कोहरे का असर ट्रेनों पर पड़ रहा है। कई ट्रेनें दो से 8 घंटे तक देरी से चल रही हैं। इस कारण ग्वालियर स्टेशन पर यात्रियों को ट्रेनों का इंतजार करते परेशान होना पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशानी रात में झेलना पड़ रही है। ट्रेन समय पर नहीं आने के कारण परिवार के साथ यात्रा करने वालों की मुश्किलें और बढ़ रही हैं। कोहरे के कारण सोमवार को भी कई ट्रेनें देरी से चलीं। वहीं रविवार की रात को नई दिल्ली से आने वाली केरला एक्सप्रेस सुुबह 11.30 बजे ग्वालियर पहुंची। गतिमान एक्सप्रेस 2 घंटे 45, शताब्दी एक्सप्रेस 2 घंटे 40 मिनट, पंंजाब मेल 2 घंटे 40 मिनट, वंदे भारत एक्सप्रेस 2 घंटे 14 मिनट, महाकौशल एक्सप्रेस 3 घंटे 30 मिनट, चंडीगढ़ मुदुरई 1 घंटे 42 मिनट, तेलंगाना एक्सप्रेस 1 घंटे 30 मिनट, जीटी एक्सप्रेस 1 घंटे 4 मिनट, मुंबई राजधानी एक्सप्रेस 2 घंटे 22 मिनट, श्रीधाम एक्सप्रेस 3 घंटे 41 मिनट की देरी से ग्वालियर आई। जबकि केरला एक्सप्रेस 4 घंटे की देरी से रवाना होने की संभावना है।
झांंसी की ओर से शताब्दी एक्सप्रेस 2 घंटे 17 मिनट,चंबल एक्सप्रेस 2 घंटे 22 मिनट, मंगला एक्सप्रेस 2 घंटे, केरला एक्सप्रेस 2 घंटे की देरी से आई।
इंजनों पर चढक़र अधिकारी कर रहे निरीक्षण
रात के समय पेट्रोलमैन ही नहीं अधिकारी भी रेल लाइनों की पेट्रोलिंग कर रहे हैं। पेट्रोलमैन पटरियों पर चल रहे हैं तो अधिकारी इंजनों पर चढक़र निरीक्षण कर रहे हैं। दिन में यह जिम्मेदारी कीमैन निभा रहे हैं। ताकि, समय रहते पटरियों की खामियों को दुरुस्त किया जा सके। संबंधित अधिकारी इनकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं। फॉग सेफ डिवाइस लोको पायलटों को सिग्नल के 500 मीटर पहले ही सतर्क कर रही है।
ऐसे ले सकते हैं पूरा रिफंड
रेलवे के मुताबिक, जिन ट्रेनों को रद्द किया गया है, पहले से उनमें आरक्षण करा चुके यात्रियों को पूरा किराया रिफंड किया जाएगा। इसके लिए उन्हें अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन पर जाना होगा। इसके अलावा यात्री आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर जाकर टीडीआर फाइल करके भी रिफंड पा सकते हैं।
विंडो से लिया टिकट ऐसे होगा रद्द
अगर यात्री ने आरक्षण विंडो से टिकट खरीदा है तो ऐसे टिकट को रद्द कराने के लिए उसे किसी भी नजदीकी रेलवे स्टेशन तक जाना होगा। कम्प्यूटरीकृत प्रणाली के चलते यात्री किसी भी रेलवे स्टेशन से यात्री टिकट रद्द करा सकते हैं, लेकिन यह स्टेशन बोर्डिंग पॉइंट वाले स्टेशन के 5-10 किलोमीटर के दायरे में होना चाहिए। साथ ही, वह स्टेशन कम्प्यूटरीकृत प्रणाली से जुड़ा भी होना चाहिए।