31 जनवरी के बाद स्कूल खुलने पर होना है फैसला, क्या ग्वालियर मेले पर विचार करेगी सरकार ?
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ग्वालियर। ग्वालियर व्यापार मेला ग्वालियर में आयोजित किया जाने वाला उत्तर भारत में एक बड़ा व्यापार मेला है। इसकी शुरुआत 1905 में ग्वालियर के तत्कालीन राजा, महाराज माधोराव सिंधिया ने की थी। ग्वालियर मेला एशिया के बड़े व्यापार मेला में गिना जाता है।
मेले का अंतिम सफल आयोजन साल 2020 में कोरोना महामारी के प्रसार से पूर्व हुआ था। गत वर्ष साल 2021 में कोरोना संक्रमण की लहर के कारण नियत समय पर जनवरी की जगह फरवरी-मार्च में मेले का आयोजन किया गया था लेकिन दूसरी लहर के तेज होने के बाद मेले का तय समय से 18 दिन पहले ही 28 मार्च को समापन हो गया था। विपरीत मौसम और बदले हुए समय की चुनौती के साथ व्यापारियों ने मेले के सफल आयोजन का भरपूर प्रयास किया था। जिसके चलते कई व्यापारियों को बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा।
31 को स्कूल खोलने पर विचार -
अब साल 2022 की शुरुआत ही कोरोना की तीसरी लहर के साथ हुई। जिसके कारण मुख्यमंत्री ने कोरोना परिस्थितियों की समीक्षा करते हुए 31 जनवरी तक स्कुल-कॉलेजों मबंद करने के साथ सभी व्यापारिक मेले, आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब मुख्यमंत्री ने 31 जनवरी के बाद कोरोना प्रतिबंधों में ढील देने के संकेत दे दिए है। कल शुक्रवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा की 31 जनवरी को कोरोना स्थिति की समीक्षा के बाद स्कूल खोले जाने को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
मंजूरी मिलने की उम्मीद -
मुख्यमंत्री द्वारा समीक्षा के बाद स्कूलों को खोले जाने की बात से ग्वालियर मेले के लिए भी ढील मिलने की उम्मीद बढ़ गई। ग्वालियर और प्रदेश का व्यापारी वर्ग भी मेले के सफल आयोजन के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है की आने वाले समय में कोरोना संक्रमण की लहर कम होते ही मेले का आयोजन किया जा सकता है। व्यापारी संघ अब सक्रिय हो गए हैं। ग्वालियर के नेताओं को ज्ञापन देकर शुरू करने की मांग कर रहे हैं।