महिला समानता दिवस : जमीन से अंतरिक्ष तक महिलाओं के नेतृत्व में देश को मिल रही सफलता
ग्वालियर। महिला को समाज में समानता दिलाने के लिए कई कानून बनाए गए। जिससे महिलाएं समाज में खुद को पुरूषों के साथ समान देख सकें। वर्तमान में महिलाओं ने हर क्षेत्र में खुद को साबित कर दिया है। कि वह किसी से कम नहीं हैं। अब वह घर तक ही सीमित नहीं हैं। पॉलिटिक्स, रक्षा का क्षेत्र, वैज्ञानिक, शिक्षक, उद्योग, डॉक्टर, इंजीनियर आदि क्षेत्रों में देश को पहचान दिला रही हैं। वहीं देश में लैंगिक समानता लाने का प्रयास करते हुए हाल ही में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने चार महिला सदस्यों 50 फीसदी को उपाध्यक्षों के पैनल में नामित किया। वहीं एस फांगनोन कोन्याक नागालैंड से उप-सभापतियों के पैनल में नामांकित होने वाली पहली महिला बनने का खिताब भी नाम कर सकी हैं। आज महिला समानता दिवस पर देश में कई मिशन का नेतृत्व कर रहीं महिलाओं के बारे में जानेंगे।
हर क्षेत्र में महिला का रुतबा -
राजनैतिक क्षेत्र-
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू - देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। द्रौपदी मुर्मू दूसरी महिला राष्ट्रपति होने के साथ ही पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति भी हैं। भले ही द्रौपदी मुर्मू आज देश के सर्वाेच्च पद पर आसीन हैं, लेकिन इस पद तक पहुंचने के लिए उनका सफर आसान नहीं था। संघर्षों से भरे जीवन को पार करके, परिवार की कठिनाइयों का सामना करने के बाद द्रौपदी मुर्मू के नाम पर यह गौरव जुड़ गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण - भारत की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री के रूप में 30 मई 2019 से अब तक देश के वित्तीय स्थिति को संभालने और आर्थिक मुद्दों को सुलझाने का जिम्मा उनके ऊपर है। निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रक्षा मंत्री का पद भी संभाल चुकी हैं, सितंबर 2017 से मई 2019 तक वो देश की रक्षा मंत्री के पद पर आसीन रही हैं। इसके बाद मई 2019 में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें वित्त मंत्री का पद मिला।
वैज्ञानिक क्षेत्र-
इसरो वैज्ञानिक डॉ. रितू कारिधाल श्रीवास्तव - डॉ. रितु कारिधाल को रॉकेट वुमन के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, डॉ. रितु कारिधाल चंद्रयान-2 की मिशन डायरेक्टर थीं। 2020 में ही इसरों ने ये तय कर लिया था कि, चंद्रयान-3 का मिशन भी रितु के ही हाथों में होगा। इस मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरामुथुवेल हैं।