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पूर्व मंत्री पटवारी ने मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया 1 साल का वेतन
उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि देश व प्रदेश सहित इंदौर शहर में कोविड महामारी के चलते अनेकों लोग कोरोना संक्रमण से पीड़ित हैं। महामारी की इस दशा में कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन के साथ जीवन रक्षक इंजेक्शन रेमडेसिविर भी प्राप्त नहीं हो पा रहा है। जीतू पटवारी ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि उनके 12 माह के वेतन से इंदौर के कोरोना पीड़ित निर्धन परिवारों को जिन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत है, उपलब्ध करवाने का कष्ट करें।
पूर्व मंत्री ने बताया कि वह खुद कोरोना पॉजिटिव आए थे और घर पर ही आइसोलेशन में रहकर अपना इलाज किया। इस दौरान भी उन्होंने हर दिन इंदौर शहर में कोरोना संक्रमित मरीजों के जरूरत के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति, अस्पतालों में बेड और जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए प्रशासन से विभिन्न सामाजिक माध्यमों से निवेदन किया ताकि लोगों की जान बच सकें। उन्होंने बताया कि मैंने हर दिन जिला प्रशासन को रेमडेसिविर इंजेक्शन की आवश्यकता वाले कोरोना पीड़ित मरीजों की लिस्ट भी प्रेषित की है। जीतू पटवारी ने कहा कि वह खुद कोविड की मार झेल रहे है और लोगों से भी अपील करते है कि वह अपने घरों पर ही रहे, मास्क लगाए और सामाजिक दूरी का पालन करें।
जीतू पटवारी ने विश्वास जताया कि हम मिलकर कोरोना से जंग लड़ रहे है और इसे अवश्य जीतेंगे। उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि प्रदेश और खासकर इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में कोरोना संक्रमण विकराल रूप लिए हुए है, जहाँ कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है वहीं, आए दिन समाचार पत्रों के माध्यम से कोरोना से मरने वाले लोगों का आंकड़ा भी पता चल रहा है, जबकि सरकारी आंकड़ा इससे कहीं अलग है। कोरोना संक्रमण से मरने वाले मरीजों के परिजनों का दु:ख और श्मशानों तथा कब्रिस्तानों से आ रहे भयावह दृश्य मन को झंकझोर कर रख दे रहे है। यही कारण है कि वह मानव सेवा के लिए अपने एक साल का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देकर जीवन रक्षक इंजेक्शन रेमडेसिविर के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह कर रहे है ताकि उन परिवारों को यह इंजेक्शन मिल जाए जो इसे खरीद पाने में असमर्थ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस ओर ध्यान देकर मेरे साथ पीड़ित मानवता की सेवा करने के लिए एक कदम ओर बढ़ाएंगे।