- Home
- /
- देश
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- इंदौर
प्रवासी भारतीयों के लिए सजा फूड मार्केट, सिगड़ी डोसा बना आकर्षण का केंद्र
इंदौर। जिले में रविवार से शुरू हुए तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में विभिन्न देशों से प्रवासी भारतीय जुट रहे हैं। सभी अतिथि मालवा और इंदौर के व्यंजनों का आनंद भी ले रहे हैं। इंदौर के प्रसिद्ध सराफा एवं 56 दुकानों पर प्रवासी भारतीयों के आगमन को लेकर उत्साह का वातावरण है। इंदौरियों ने अपनी दुकानें सजा रखी हैं और स्वागत में होर्डिंग्स लगाए हैं। शनिवार को भी यहां पर कई प्रवासी पहुंचे और इंदौर के दही-बड़े, कचोरी, टिक्की, इंदौरी डोसा, शिकंजी और जलेबी का लुत्फ उठाया। ठंड में गरमा-गरम गराडू भी लोगों को पसंद आ रहा है।
खानपान के लिए प्रसिद्ध "56 दुकानों" को दुल्हन की तरह सजाया गया है। यहां के दुकानदार पलक-पावडे़ बिछा कर प्रवासी भारतीयों का स्वागत कर रहे हैं। विगत 45 वर्ष से फालूदा, मटका-कुल्फी और कोल्ड-कॉफी की दुकान चला रहे राकेश हसीजा कहते हैं कि हमारे यहां की आइसक्रीम, फालूदा और मटका कुल्फी बहुत प्रसिद्ध है और इसका अनूठा स्वाद प्रवासी भारतीयों का स्वाद बढ़ाएगा। इसी तरह इंदौरी नमकीन विक्रेता राकेश अग्रवाल ने भी प्रवासी भारतीयों के स्वागत के लिए कम मिर्च-मसाले का नमकीन तैयार किया है। उनके यहां बनने वाला इंदौरी डोसा आकर्षण का केंद्र है। यही नहीं चाट हाउस पर टिकिया, पाव भाजी, सिगड़ी डोसा और इसी तरह के चटपटे व्यंजन, गरमा-गरम जलेबी, रबड़ी, गुलाब जामुन, मावा बाटी, गाजर का हलवा और मूंग का हलवा विशेष रूप से प्रवासी भारतीयों के लिए तैयार किया गया है।
सराफा में स्वादिष्ट समोसे और कचोरी की दुकान, विजय चाट हाउस, शिकंजी की दुकान और जोशी के दही बड़े आदि दुकानों के संचालक भी खासे उत्साहित हैं। बेसब्री से अतिथियों का सत्कार करने के लिए ऐतिहासिक राजवाड़ा दुल्हन की तरह सजा है। शहर में लगे स्वागत द्वार और रोशनी बता रही है कि प्रवासी भारतीय हमारे दिलों में है।
विदेश मंत्री ने उठाया पान का लुत्फ
शनिवार रात विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर 56 दुकान स्थित अन्नपूर्णा पान भंडार पर पहुंचे। पान खाने के बाद डॉ. जयशंकर ने पान की तारीफ की। अन्नपूर्णा पान भंडार के संचालक ने बताया कि रात 10 बजे अपनी दुकान पर विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर को देखकर आश्चर्य हुआ। विदेश मंत्री ने उन्हें पान लगाने के लिए कहा। विदेश मंत्री को स्पेशल गुंडी पान बना कर खिलाया। दुकान वर्ष 1984 से संचालित है। सोने का वरक चढ़ा हुआ गोल्ड पान इसकी खासियत है। प्रवासी भारतीयों के लिए उन्होंने अलग-अलग तरह के पान की शृंखला बनाई है जिनमें 8 तरह की चटनी और गुलकंद के पान शामिल हैं।