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केवल नारे लगाने से जीत नहीं मिलेगी...
इंदौर। नए साल में नए जोश के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारी में कांग्रेस पार्टी जुटने जा रही है। नया साल-नई सरकार नया साल-कमल नाथ सरकार को लेकर पहली जनवरी को कांग्रेस बनाएगी संकल्प दिवस। संकल्प सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दिलाया जाएगा। हम सिर्फ नारे लगा कर सरकार नहीं बना सकते, उसके लिए सबसे जरूरी है कि हम मतदाता सूची का सूक्ष्म निरीक्षण करें। मतदाता सूची की गड़बड़ी को नहीं पकड़ा तो हमारी मेहनत व्यर्थ हो जाएगी।
यह बात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ के नेतृत्व में 26 जनवरी से पूरे प्रदेश में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की शुरुआत को लेकर कांग्रेस कार्यालय में शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल द्वारा शुक्रवार की शाम को आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कही। संगठन प्रभारी महेंद्र जोशी, विधायक संजय शुक्ला, प्रदेश सचिव राजेश चौकसे, इंदौर नगर निगम नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे, दीपक जोशी ने भी बैठक को संबोधित किया।
इंदौर संगठन प्रभारी महेंद्र जोशी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा की ऐतिहासिक सफलता के लिए आप सबका धन्यवाद। अब हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को लेकर मंडलम, सेक्टर और फिर बूथ स्तर तक ले जाना है। हमें जनता के दिल से जुडऩा है, उनकी समस्याओं को समझना है। 3 चरणों में चलने वाले इस अभियान में सबको अपनी सामूहिक जवाबदारी तय करना होगी। मोर्चा संगठनों और प्रकोष्ठ की ज्यादा जवाबदारी है।
शहर अध्यक्ष ने कहा कि हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को घर तक हमें पहुंचाना है।
बैठक में मुख्य रूप से स्वप्निल कोठारी, अमन बजाज, सच सलूजा, शहर प्रवक्ता अमित चौरसिया, संजय बाकलीवाल, युवा कांग्रेस अध्यक्ष रमीज खान, सन्नी राजपाल, मनीषा शिरढोणकर, दिलीप कौशल, रवि गुरनानी, निलेश पटेल, अनूप शुक्ला एवं नसरीन अली आदि उपस्थित रहे।
सक्रियता का सम्मान किया
इस मौके पर सज्जनसिंह वर्मा ने मतदाता सूची के लिए बेहतरीन काम करने वाले रवि गुरनानी तथा पूर्व पार्षद दिलीप कौशल का सभी की उपस्थिति में सम्मान किया। ज्ञात हो कि सूची से नाम हटाने-जोडऩे के मामले में सूची पर समय-समय आपत्ति दर्ज करवाने के साथ फर्जी मतदाताओं के खिलाफ दोनों ने बाकी नेताओं से आगे जाकर व्यापक मुहिम छेड़ रखी है।
प्रवासी सम्मेलन स्थगित करने की मांग
नेता प्रतिपक्ष श्री चौकसे ने कहा कि कोरोना को देखते राज्य सरकार को भारतीय प्रवासी सम्मेलन स्थगित करना चाहिए। सरकार इस पर कोई निर्णय नहीं लेती है तो 1 दिन के इंदौर बंद का आव्हान करना चाहिए।