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इंदौर में कर्ज से परेशान रेडीमेड गारमेंट्स के कारीगर ने जहर खाया
इंदौर। सिर पर सात लाख रुपये का कर्ज और दो महीने से बेरोजगारी, बेटे की तबीयत भी खराब। आर्थिक तंगी के इन हालातों से जूझते रेडीमेड वस्त्र कारीगर 60 वर्षीय संतोष जावले ने गुरुवार की रात जहर खाकर अपनी जान ने दी। जिस फैक्ट्री में पहले वह काम करता था। वहां वह फिर काम मांगने गया था, काम नहीं मिलने पर उसने फैक्ट्री परिसर में ही जहर खा लिया। सुसाइड नोट में उसने फैक्ट्री मालिक का नाम नाम लिखा है।
बाणगंगा पुलिस के अनुसार संतोष जावले अंकित इंजीनियरिंग से रेडीमेड कपड़े बनाने का काम लेकर घर पर सिलाई करतेे थे। दो माह सेे उसे काम नहीं मिल पा रहा था। इससे आर्थिक रूप से वह परेशान थे। इसके अलावा उन पर सात लाख रुपए का कर्ज भी था। काम मांगने के लिए वह फिर फैक्ट्री पहुंचे, फैक्ट्री मालिक राजेश जैन से मिले, लेकिन उन्हें काम नहीं मिल सका। इसके बाद संतोष ने जहर खा लिया। बेहोशी की हालत में कर्मचारी उन्हें निकट के नर्सिंग होम में लेकर पहुंचे। तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। संतोष ने घर पर सुसाइड नोट भी छोड़ा था। जिसमें उसने लिखा था कि मैं राजेश जैन के यहां काम करता हूं। अब काम बंद है। मेरे लड़के की तबीयत खराब है और मैं अपने मकान की किश्त भी नहीं भर पा रहा हूं। मेरे पास मरने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। संतोष की तीन बेटियां और एक बेटा है। परिवार में संतोष अकेले कमाते थे।