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सांवेर : सिलावट के सामने सशक्त उम्मीदवार के रूप में उभरे प्रेमचंद गुड्डू, लेकिन राह कठिन
इंदौर। प्रदेश में होने वाले संभावित उपचुनावों के लिए कांग्रेस ने गत शुक्रवार को रिक्त 27 विधानसभा सीटों में से 15 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है। इसके बाद सबसे ज्यादा रोचक मुकाबला इंदौर की हॉट सीट सांवेर पर देखने को मिल रहा है। जहां भाजपा एवं कांग्रेस दोनों तरफ से दल बदलू नेता आमने -सामने है। अपने पारम्परिक दलों को छोड़कर दूसरे दल से चुनाव लड़ने के कारण ये मुकाबला और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।
पार्टी बदलने से बदले समीकरण -
इस सीट से भाजपा उम्मीदवार सिंधिया समर्थक मंत्री तुलसी राम सिलावट कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए है। वहीँ कांग्रेस ने इस सीट से भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए प्रेमचंद गुड्डू को उम्मीदवार बनाया है। पिछले चुनाव में सिलावट ने ये सीट कांग्रेस के टिकट पर जीती थी। उन्होंने भाजपा के डॉ. राजेश सोनकर को करीब तीन हजार मतों से हराकर जीती थी लेकिन अब कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने से सभी समीकरण बदल चुके है।ऐसे में कांग्रेस सिलावट की चुनावी विजय यात्रा को रोकने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। मंत्री सिलावट सिंधिया समर्थक नेताओं में सबसे करीबी माने जाते है। यदि जानकारों की माने तो सिलावट को डिप्टी सीएम बनाने की बात को लेकर ही सिंधिया-कमलनाथ के रिश्तो में कड़वाहट आना शुरू हुई थी।
सिलावट के विरोध में छोड़ी भाजपा -
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब कांग्रेस छोड़ी तब उनके समर्थक विधायकों में शामिल वेर से पूर्व विधायक और मंत्री तुलसीराम सिलावट भी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। उस समय सिलावट के भाजपा में शामिल होने का सबसे ज्यादा विरोध प्रेमचंद गुड्डू ने किया था। इसी विरोध के चलते वह भाजपा छोड़ वापिस कांग्रेस में चले गए थे। अब कांग्रेस ने उन्हें इस सीट पर उम्मीदवार बनाया है।
कांग्रेस - भाजपा में सीधा मुकाबला
सांवेर विधानसभा पर कांग्रेस और भाजपा के बीच हमेशा कड़ी टक्कर देखने को मिली है। पिछले चुनाव में मंत्री तुलसी राम सिलावट का इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार राजेश सोनकर से कड़ा मुकाबला हुआ था। अब गुड्डू के सामने आने से मंत्री सिलावट को एक बार फिर कड़ी चुनौती मिलने के आसार है। क्योकि प्रेमचंद गुड्डू पहले भी इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा जा चुके है। ऐसे में सिलावट के सामने उन्हें एक सशक्त उम्मीदवार माना जा रहा है। लेकिन राह बहुत कठिन है।