सिग्नल ना मिलने से खड़ी रहीं 24 ट्रेनें, भूख और प्यास से तड़पे मजदूर

सिग्नल ना मिलने से खड़ी रहीं 24 ट्रेनें, भूख और प्यास से तड़पे मजदूर
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खंडवा। लॉकडाउन के कारण महाराष्ट्र में फंसे मजदूरों को लेकर त्तर प्रदेश और बिहार जा रही 15 विशेष ट्रेनों के चक्के शुक्रवार को कई घंटों के लिए थम गए। सुबह से शाम तक भुसावल से खंडवा के बीच 8 अलग-अलग स्थानों पर सिर्फ इसलिए खड़ी रहीं, क्योंकि उन्हें चलाने के लिए भोपाल से सिग्नल नहीं मिल रहे थे। ऐसी चिलचिलाती धूप में जब मजदूरों को खाना-पीना नहीं मिला, तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। बुरहानपुर में उन्होंने तोड़फोड़ मचा दी, और खंडवा में वे समाजसेवियों द्वारा लाए गए खाने पर टूट पड़े। उन्होंने पानी की 110 पेटियां भी छीन लीं।

दरअसल, मुंबई से पटना जा रही नॉन-स्टॉप श्रमिक एक्सप्रेस सिग्नल नहीं मिलने के कारण शुक्रवार सुबह 8 बजे खंडवा स्टेशन पर खड़ी हो गई। शुक्रवार को ऐसे हालात खंडवा से लेकर भुसावल तक हर छोटे-बड़े स्टेशन के थे, जहां मुंबई, गुजरात और दक्षिण भारत से मजदूरों को लेकर यूपी और बिहार जाने वाली 24 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें 4 से 10 घंटे खड़ी रहीं। करीब 20 हजार मजदूर चिलचिलाती धूप में परेशान होते रहे। अधिकारी नियमों का हवाला देकर कुछ भी उपलब्ध नहीं करा सके। जिसके बाद खंडवा स्टेशन पर हंगामे की खबर मिलने पर कलेक्टर ने मजदूरों को खिचड़ी बंटवाई। निगम द्वारा पानी के टैंकर भी पहुंचाए गए। दूसरी तरफ भोपाल मंडल के प्रवक्ता आईए सिद्धीकी ने कहा कि हमारे यहां से कोई सिग्नल नहीं रोका गया।



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