भोजशाला में सर्वे के लिए मिला आठ सप्ताह का समय, मुस्लिम पक्ष की आपत्तियां खारिज

भोजशाला में सर्वे के लिए मिला आठ सप्ताह का समय, मुस्लिम पक्ष की आपत्तियां खारिज
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एएसआई का कहना है कि वर्तमान ढांचे को सुरक्षित रखते हुए सर्वे किया जा रहा है। यह अत्यंत धीमी प्रक्रिया है।

धार। भोजशाला में एएसआई द्वारा किए जा रहे सर्वे की समय सीमा बढ़ाने की मांग सोमवार को हाईकोर्ट ने मान ली है। हाईकोर्ट ने एएसआई को आठ सप्ताह का समय और दिया है, ताकि वह विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सके। दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद हाई कोर्ट ने एएसआई को सर्वे के लिए पांच जुलाई तक का समय दिया है। सोमवार को सुनवाई में हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की ओर से सीनियर एडवोकेट विष्णुशंकर जैन और विनय जोशी ने तर्क रखे।

भोजशाला में अदालत के आदेश पर किए जा रहे सर्वे के लिए एएसआई ने आठ सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा है। एएसआई का कहना है कि वर्तमान ढांचे को सुरक्षित रखते हुए सर्वे किया जा रहा है। यह अत्यंत धीमी प्रक्रिया है। सर्वे में जीपीआर मशीन इस्तेमाल की जाना है। इसके लिए नेशनल ज्योग्राफिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एनजीआरआई) से संपर्क किया है। इसलिए उसे अतिरिक्त आठ सप्ताह दिए जाएं। हाई कोर्ट ने 11 मार्च को दिए अपने आदेश में कहा था कि एएसआई भोजशाला के 50 मीटर के दायरे में वैज्ञानिक सर्वे करे। इसके लिए अत्याधुनिक मशीनों की आवश्यकता हो तो वह उन मशीनों की मदद ले। उस समय हाई कोर्ट ने एएसआई को सर्वे छह सप्ताह में पूरा करने के लिए कहा था, जो 3 मई को खत्म हो रहा है।

आठ सप्ताह का अतिरिक्त समय

गौरतलब है कि कोर्ट के आदेश के बाद 22 मार्च से भोजशाला में सर्वे शुरू हुआ था, जो वर्तमान में भी चल रहा है। सर्वे को लेकर रोजाना नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। हिंदू और मुस्लिम दोनों ही पक्ष अपने-अपने दावे कर रहे हैं। हालांकि अब तक एएसआई की तरफ से कोई अधिकृत बयान जारी नहीं हुआ है। सर्वे का काम चलते हुए ही एएसआई ने हाई कोर्ट में एक आवेदन देकर आठ सप्ताह का अतिरिक्त समय इस काम को पूरा करने के लिए मांग लिया है।

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