गुजरात में भ्रष्टाचारियों की अब खैर नहीं, आया 'ई-सतर्कता पोर्टल', सीएम भूपेन्द्र पटेल ने किया इसे लॉन्च

गांधीनगर। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने गुरुवार को गांधीनगर स्थित राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) से सतर्कता जागरुकता सप्ताह 2023 के उत्सव पर ऑनलाइन शिकायत के लिए गुजरात सतर्कता आयोग के ‘ई-सतर्कता पोर्टल’ को लॉन्च किया। इसके साथ ही उन्होंने ‘निवारात्मक सतर्कता एवं इंजीनियरिंग कार्यों में न्याय सहायक विज्ञान का उपयोग’ विषय पर आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन भी किया।
मुख्यमंत्री ने “भ्रष्टाचार को ना कहें” के संदेश को दोहराते हुए कहा कि भ्रष्टाचार निर्मूलन के माध्यम से राष्ट्र के प्रति समर्पित हों और विकसित भारत के संकल्प में भागीदार बनें। उन्होंने कहा कि अपराधी तो हर दिन और हर महीने अनियमितता के नए-नए रास्ते ढूंढ ही लेते हैं लेकिन हमें उनसे दो कदम आगे रहना है। इतना ही नहीं, समाज को भी सतर्क एवं सजग करना है। ऐसी अनियमितताओं को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि आज की यह कार्यशाला और ई-सतर्कता पोर्टल जैसी नई पहल भी इसी दिशा में एक मजबूत और ठोस कदम साबित होगी। “भ्रष्टाचार का विरोध करें, राष्ट्र के प्रति समर्पित रहें” विषय के साथ सतर्कता आयोग की ओर से आयोजित सतर्कता जागरुकता सप्ताह 2023 के अंतर्गत आज ई-सतर्कता पोर्टल का शुभारंभ किया गया। आम नागरिक इस पोर्टल के माध्यम से घर बैठे ही ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकेंगे और अपनी शिकायतों की ट्रैकिंग भी स्वयं ही कर सकेंगे।
इतना ही नहीं इस पोर्टल से ई-सरकार के माध्यम से आयोग, सरकारी विभागों और नागरिकों के बीच एकीकृत तरीके से कार्यवाही होने से नागरिक अपनी शिकायतें आसानी से दर्ज करा सकेंगे तथा आयोग एवं सरकारी विभागों के स्तर पर प्रक्रिया प्रभावी तरीके से की जा सकेगी। विज्ञान एवं आधुनिक प्रौद्योगिकी के जरिए राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय नुकसान होने से पहले ही किसी भी त्रुटि का पता लगाने में सहायक हो सके, इसके लिए इंजीनियरिंग कार्यों में निवारात्मक सतर्कता और फोरेंसिक विज्ञान के उपयोग से संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन भी किया गया।
राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति पद्मश्री डॉ. जे.एम. व्यास ने कहा कि टेक्नोलॉजी के उपयोग से सतर्कता को और भी अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए गुजरात सतर्कता आयोग ने जो पहल की है, वह प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि फोरेंसिक विज्ञान का उपयोग अपराध की जांच-शोध के लिए तो होता ही है, लेकिन अपराध हो ही ना या अपराध को रोकने के लिए ‘प्रिवेंटिव फोरेंसिक’ का उपयोग एक नवीन दृष्टिकोण है। आज की कार्यशाला में विशेषकर कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के उपयोग के साथ-साथ अपराध की जांच-अनुसंधान और अपराध की रोकथाम के लिए जानकारी दी गई है। अनियमितताओं और त्रुटियों का पता लगाने के लिए सतर्कता का महत्व भी बताया गया है। यह जानकारी कार्यशाला में हिस्सा लेने वालों के लिए उपयोगी साबित होगी। कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव कमल दयाणी, गुजरात सतर्कता आयोग की आयुक्त संगीता सिंह और सिंचाई विभाग के सचिव के.ए. पटेल सहित कई उच्च अधिकारी और इंजीनियर उपस्थित रहे।
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