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ABVP के विरोध का असर, डॉ हरी सिंह गौर विश्वविद्यालय ने वेबिनार से नाम लिया वापिस
सागर। प्रदेश के सागर जिले के डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के एंथ्रोपोलॉजी विभाग ने एक विश्व वेबिनार से अपना नाम वापिस ले लिएय है। विश्वविद्यालय ने यह कदम ABVP के विरोध के बाद उठाया है।
दरअसल, एबीवीपी ने इस वेबिनार में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और वैज्ञानिक गौहर रजा के शामिल होने पर आपत्ति जताई थी। विद्यार्थी परिषद ने इस मामले में पुलिस को ज्ञापन सौंपा था। जिसके बाद एसपी सागर अतुल सिंह ने विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर जेडी अही को पत्र लिखकर कानून व्यवस्था बिगड़ने पर कार्यवाही की चेतावनी दी। इस पत्र में स्पष्ट किया की यदि कानूनों व्यवस्था बिगड़ी तो व्यवस्थापक के खिलाफ धारा 505 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
एसपी द्वारा कुलपति को लिखे गए पत्र में कहा की वेबिनार में शामिल होने वाले वक्ताओं का इतिहास देश विरोधी रहा है। ऐसे में बहुसंख्यक समुदाय की संस्कृति, परंपरा और धार्मिक प्रथाओं के खिलाफ टिप्पणी करने की आशंका है। जिसके कारण सामजिक सद्भाव बिगड़ सकता है। वेबिनार के आयोजन से पहले एक आम सहमति बनानी चाहिए कि जिन विषयों पर विचारों को व्यक्त किया जाएंगे, उससे किसी धर्म, जाति या क्षेत्र के लोग आहत नहीं होंगे।
बता दें की इस वेबिनार का आयोजन एंथ्रोपोलॉजी विभाग द्वारा Cultural and Linguistic hurdles in the achievement of scientific temper विषय पर यूएसए मोंटक्लेयर स्टेट यूनिवर्सिटी की मदद से किया जा रहा था। ये शुक्रवार 30 जुलाई से शुरू होना था।