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अतिथियों के बूते देंगे पढ़ाई को रफ्तार
सागर/श्याम चौरसिया। बेरोजगारी का आलम देखिए। जैसे ही शिक्षा विभाग ने स्कूलो में व्याप्त शिक्षको की तंगी दूर करने के लिए अथिति भर्ती का फरमान जारी किया। वैसे ही बेरोजगार बीईओ,संकुलों, समन्धित स्कूलो के फेरे लेने लगें। ताकि लग जाए जुगाड़। मगर ढेर से पेंचों में चलते जुगाड़ लगना आसान नही है। इसे आसान बनाने के लिए विधायको,प्रभावी नेताओ से दबाब बनवाने का सिलसिला चालू हो गया। कुछ विधायक,नेता तो योग्यता, अनुभव के आधार पर नियुक्ति देने या चयन करने के निर्देश से रहे है। मगर कुछ विधायक तो अपनी जाति,अपने चेहतों को हर स्तर पर ठासने पर अड़ नियोक्ता प्रचार्यो की मुश्किलें बढ़ा रहे है।गजब का धर्मसंकट।
शिक्षा विभाग ने स्कोर कार्ड धारियों को ही रखने के निर्देश दिए है। यानी स्कोर कार्ड में जो अव्वल होगा। उसकी लाटरी बिना किसी सिफारिश के खुलना तय है।यदि किसी प्राचार्य ने योग्यता,अनुभव को अनदेखा करके चेहतों को नवाजने की कोशिश की तो उसके खिलाफ स्कोरकार्ड धारी न्याय के लिए न्यायालय,विभाग,कलेक्टर के दरबार मे दस्तक देकर प्राचार्य के मंसूबो को बेपर्दा कर सकता है।
स्कोर कार्डधारी ज्यादातर तो पहले से ही वर्षों से बतौर अथिति सेवा दे रहे है। मगर कही समन्धित विषय के टीचर आने पर हटा दिए गए। उनके लिए अच्छा चांस हो सकता है।पिछले 02 साल में हजारो शिक्षक सेवा निर्वत हुए।सेकड़ो के तबादला हुआ। उनकी खाली जगह अथितियों से भरी जाएगी। भर्ती मिडिल,हाइ स्कूलो,हायर सेकेंडरी स्कूलो के लिए हो रही है। अभी प्राथमिक स्कूलों में नही हो रही है। होंगी तो शिक्षक विहीन स्कूलों, 30 से अधिक बच्चो को यदि 01 शिक्षक पढ़ा रहा है तो होगी। विभागीय सूत्रों के मुताबिक शिक्षक विहीन स्कूल अपवाद स्वरूप ही बचे है।ज्यादातर स्कूलो में स्टाफ पहले ही ज्यादा है। भर्ती में गणित,अंग्रेजी, विज्ञान के सिवा किसी अन्य विषय पर लाल लकीर खेच रखी है। मसलन हिंदी,सामान्य विज्ञान, संस्कृत आदि विषय। ज्यादातर स्कूलो में गणित,भैतिक,अंग्रेजी आदि विषय के शिक्षको का टोटा है।