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भोजशाला में हुई मां सरस्वती की महाआरती, शोभायात्रा में जयकारों से गूंजी नगरी
धार। मध्य प्रदेश के धार स्थित ऐतिसाहिक भोजशाला में गुरुवार को बसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। यहां सुबह सात बजे से भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। यहां मां वाग्देवी की आराधना के स्वर से पूरी भोजशाला परिसर गूंजायमान हो रहे हैं। हजारों लोग आराधना के साक्षी बने। राजा भोज और मां वाग्देवी के जयकारों के से पूरी भोजशाला गूंजायमान हो गई। सुबह सात बजे मां सरस्वती का यज्ञ प्रारंभ हुआ। इसमें हजारों लोगों ने आहूति दीं। वहीं, दोपहर 12 बजे नगर में मां सरस्वती की शोभायात्रा शुरू हुई, जिसमें जयकारों से पूरी नगरी गूंज उठी।
दरअसल, भोजशाला साल में केवल एक दिन बसंत पंचमी के दिन खुली रहती है। यहां बसंत पंचमी के दिन हिंदू समाज को सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक भोजशाला में प्रवेश की अनुमति होती है। साथ ही मां सरस्वती का तेल चित्र ले जाने के साथ ही धार्मिक आयोजन करने की अनुमति होती है। इस दिन का पूरे साल हिंदू समाज को इंतजार रहता है। गुरुवार को जैसे ही सूर्य उदय हुआ, भोजशाला में श्रद्धालुओं के आना का सिलसिला शुरू हो गया। यहां शाम तक हजारों लोग पहुंचकर मां वाग्देवी की पूजा कर यात्रा में शामिल होंगे।
भोजशाला में सूर्य की पहली किरण के साथ ही पूजन शुरू हुआ। सुबह 7:00 बजे हवन की शुरुआत हुई, जो शाम 5:30 बजे तक जारी रहेगा। पूर्णाहुति व महाआरती के साथ समापन होगा। वसंत पंचमी पर भोजशाला में दर्शन करने के लिए हिंदू समाज का तांता लगा हुआ है। हिंदू समाज के लोगों में और एक अलग ही उत्साह नजर आ रहा है। दोपहर 12 बजे मां सरस्वती की शोभायात्रा यहां उदाजीराव चौराहा लालबाग से शुरू हुई। यात्रा में मुख्य अतिथि और वक्ता अखिल भारतीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश, राज्यसभा सदस्य डा सुमेर सिंह सोलंकी यात्रा में शामिल हुए।
वसंत उत्सव का हिंदू समाज को पूरे साल इंतजार रहता है। उत्सव को लेकर पूर्व में ही महाराजा भोज वसंत स्मृति महोत्सव समिति द्वारा तैयारियां की गई थी। साथ ही भोजशाला को भी आकर्षक रूप से भगवामय किया गया। यहां भक्तों का आना सूर्य अस्त तक जारी रहेगा। इधर जैसे ही भोजशाला के बाहर शोभायात्रा आई तो युवाओं का उत्साह चरम पर देखा गया। पूरी धारानगरी राजा भोज के जयकारों से गुंजयमान हो गई।