कोरोना मे मिली सरकारी राशि को पचा गए डॉक्टर, कबाड़ से खुला करोड़ो का घोटाला

कोरोना मे मिली सरकारी राशि को पचा गए डॉक्टर, कबाड़ से खुला करोड़ो का घोटाला
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आरोपियों से साढ़े चार करोड़ की राशि अब तक जब्त की

बुरहानपुर/वेब डेस्क। बुरहानपुर जिला अस्पताल में 12 करोड़ का घोटाला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में झाबुआ डीएचओ डॉ. विक्रम वर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने साल 2020-21 में सीएएमएचओ रहते नोटशीट तैयार कर एनएचएम मद की राशि को आरकेएस (रोगी कल्याण समिति) में ट्रांसफर कर 50 लाख से अधिक की राशि पूर्व आरएमओ से ली थी।

पुलिस ने बताया की डॉ. वर्मा को धोखाधड़ी, शासकीय राशि में गबन के केस में आरोपी बनाया गया है। डॉ वर्मा वर्तमान में झाबुआ के जिला स्वास्थ्य अधिकारी है। उन्हें इस मामले में 16वें आरोपी है। उन्होंने बुरहानपुर में सीएमएचओ रहते हुए घपले के मास्टरमाइंड पूर्व आरएमओ डॉ. प्रतीक नवलखे, अस्पताल के तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. शकील अहमद के साथ मिलकर फर्जी नोटशीट तैयार कर सरकारी पैसो को षड्यंत्र पूर्वक अस्पताल की रोगी कल्याण समिति के खाते में डालकर स्वयं के उपयोग में लिया था। आरोपियों से साढ़े चार करोड़ की राशि अब तक जब्त की जा चुकी है।

ऐसे हुआ खुलासा -


पुलिस ने बताया की घोटाले का खुलासा कबाड़ से हुआ मई 2022 में आरएमओ ने सिविल सर्जन के साथ मिलकर अस्पताल का कबाड़ बेचा था। जिसमें पलंग, पंखा, टेबल, कुर्सी और कूलर सहित अन्य सामान था। कुछ लोगो ने अस्पताल का सामान कबाड़ की दुकान पर देखने के बाद पुलिस में इसकी शिकायत की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जब इस मामले की जाँच शुरू की तो परत दर परत खुलासा होता चला गया। इसी दौरान पता चला कि करीब 25-30 लाख रुपए डॉ. नवलखे ने जुए में उड़ा दिए। जांच में कई फर्जी अकाउंट्स की भी जानकारी मिली।

ऐसे किया घोटाला -

पुलिस ने जबी जाँच शुरू की तो कई फर्जी बैंक अकाउंट्स की जानकारी सामने आई। RMO डॉ. प्रतीक नवलखे के कहने पर सिविल सर्जन डॉ. शकील अहमद लोगों के अकाउंट्स खुलवाता और पैसों को उनके खाते में डालता था। इन्होने कोरोना काल में मिला डोनेशन और सरकारी मदद को अपने परिचितों के खातों में ट्रांसफर कारकर उपयोग में लिया था। इसमें डॉक्टर, पत्रकार, नेता, मंडी कर्मचारी, अस्पताल के बाबू भी शामिल थे। इसके अलावा कई फर्जी कंपनियां बनाई, जिनके अकाउंट्स में इस पैसे डाला गया।

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