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चंबल नदी में उफान से भिंड, मुरैना किनारे बसे ग्रामीणों को रेस्क्यू टीम ने पहुंचाया सुरक्षित जगह
भिंड/मुरैना। कोटा बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से चंबल नदी उफान पर है। इसके चलते श्योपुर, मुरैना और भिंड के 27 गांव टापू बने हुए हैं । काेटा बैराज से अब तक 2.79 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से शनिवार को चंबल नदी मुरैना राजघाट पर खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर यानी 140.50 मीटर पर बही। जबकि पुराने पुल से पानी महज 5 फीट ऊपर रह गया। सरायछौला और अंबाह के आसपास गांवों में पानी भीतर तक घुस गया।
इससे गांवों के रास्ते बंद हो गए। छह गांव टापू बन गए हैं। यहां ग्रामीणों को मोटर बोट की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। भिंड के अटेर क्षेत्र में 19 गांव पानी भरने से टापू बन गए हैं। दतिया में भी सिंध नदी के किनारे बसे गांवाें में अलर्ट किया गया है। उधर, श्योपुर में शनिवार को श्योपुर-सवाईमाधौपुर और श्योपुर-बारां मार्ग तो खुल गया। लेकिन खातौली पुल पर अभी भी चार से पांच फीट पानी होने से श्योपुर-कोटा मार्ग तीसरे दिन भी बंद रहा। श्योपुर में दो गांव टापू बने हुए हैं। शिवपुरी के मड़ीखेड़ा डैम के चार गेट खुले हैं।
जिले के नदुआपुरा गांव में घरों में पानी घुस आया। इसकी वजह से ग्रामीणों के घर-झोपड़ियां डूब गईं। बच्चों को मोटर बोट से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। ग्रामीणों ने घर से सामान निकाला।