स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को काव्य के रूप में प्रस्तुत करना बड़ी उपलब्धि : डॉ. मिश्रा

स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को काव्य के रूप में प्रस्तुत करना बड़ी उपलब्धि : डॉ. मिश्रा
बुंदेली भाषा में स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को जनता के समक्ष काव्य के रूप में प्रस्तुत करना बहुत बडी उपलब्धि है।

जनसंपर्क मंत्री ने किया डॉ. प्रभाकर की लिखी तीन पुस्तकों का विमोचन

दतिया | बुंदेली भाषा में स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को जनता के समक्ष काव्य के रूप में प्रस्तुत करना बहुत बडी उपलब्धि है। मैं यहा विद्वानों से भरे मंच पर सभी से अनुरोध करता हूं कि दतिया के सामाजिक और सांस्कृतिक इतिहास को खोजकर अधिक से अधिक लिखें, ताकि यहां की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत का नई पीढ़ी को पता लग सके। डॉ. प्रभाकर से अनुरोध करता हूं कि वह सेवा निवृत्ति के उपरांत अपना समय साहित्य सृजन में लगाएं और सामाजिक समरसता को समृद्ध करने में अपना योगदान दें। यह बात मप्र शासन के मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने शाासकीय स्वाशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय दतिया के प्राचार्य डॉ. एमएल प्रभाकर के द्वारा लिखी गई तीन पुस्तकों के विमेाचन के दौरान कही।

कार्यक्रम स्थानीय संत कंवरराम धाम में संपन्न हुआ। जिसमें विद्वानजन, स्थानीय व बाहर से आए साहित्यकार मंचासीन रहे। कार्यक्रम के दौरान लोक देवता हरदौल महाकाव्य रतनगढ़ माता मंदिर, मांडूला शोध काव्य तथा अंबेडकर शतक तीन पुस्तकों का विमोचन किया गया। इस अवसर पर दतिया के प्रसिद्व साहित्यकार डॉ. केवीएल पांडे, डॉ. कामनी सेंवढ़ा, डॉ. उमाशंकर खरे पृथ्वीपुर, डॉ. लखनलाल खरे तथा डॉ. रतीभान तिवारी छतरपर आदि ने अपने विचार व्यक्त करते हुए लोक भाषा को प्रोत्साहित करने के लिए प्राचार्य डॉ. प्रभाकर को बधाई दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रतन सूर्यवंशी व डॉ. निलय गोस्वामी ने किया।

कार्यक्रम में रामशरण रूसिया ने उनकी पुत्री द्वारा अजर बेजान (रूस) से प्रकाशित पत्रिका के अंक डॉ. प्रभाकर को भेंट किए। इस दौरान प्रभारी प्रचार्य एसके मिश्रा, डॉ. आरपी नीखरा, चंदन सिंह यादव, संजय श्रीवास्तव, जयश्री त्रिवेदी, डॉ. शिवसिंह, डॉ. अभय राहुल, डॉ. हेमंत गौतम, डॉ. रजनीश सिंह, प्रोफेसर सुधीर पाण्डेय, रामजीशरण दांगी, रामदास झस्या, श्रीमती कुमकुम रावत, नेहा रजक, छात्र प्रतिनिधि के रूप में सत्यम पंड़ा, आकाश भार्गव, विवेक तिवारी सहित अन्य छात्र-छात्रायें, जनप्रतिनिधि व गणमान्यजन उपस्थित रहे।


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